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नर्मदा की तर्ज पर पांच नदियों के किनारे लगाए जाएंगे पौधे

locationभोपालPublished: Feb 08, 2020 08:22:26 am

Submitted by:

Ashok gautam

– जल संरक्षण करने जगह-जगह बनाए जाएंगे चेक डेम

नर्मदा की तर्ज पर पांच नदियों के किनारे लगाए जाएंगे पौधे

नर्मदा की तर्ज पर पांच नदियों के किनारे लगाए जाएंगे पौधे

भोपाल। नर्मदा की तर्ज पर उसकी सहायक नदियों के किनारों पर भी पौधरोपण किया जाएगा। सरकार पांच साल में इन नदियों में ग्रीन कारीडोर बनाने के लिए डीपीआर तैयार करेगी। पौधरोपण के लिए जिला स्तर पर प्लान तैयार किया जाएगा। यह प्रस्ताव को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली प्रदेश स्तरीय कैंपा समिति ने हरी झंड़ी दे दी है।
वन विभाग प्रदेश के सभी नदियों के कछारों में चरणबद्ध तरीके से हर साल पौधरोपण करेगी। पहले चरण में जून-जुलाई में नर्मदा, कन्हांना, छोटी माही, माही, बेतवा नदी के सैकड़ों हेक्टेयर में पौधे रोप लाएंगे। इसके बाद जैसे-जैसे इन नदियों का पानी नीचे खिसकता जाएगा वैसे-वैसे इन नदियों के पाटों में भी पौधे रोपने का काम किया जाएगा।
नदियों के किनारे बांस, सलई, अर्जुन सहित अन्य के पौधे लगाए जाएंगे, जो पानी को रोकने के साथ ही मिट्टी के कटाव को भी रोकते हैं। पौधरोपण के लिए जिला स्तर पर सर्वे कर लिया गया है, सभी जिलों के डीएफओ ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट भी विभाग को दे दी है। दूसरे चरण में नर्मदा और सोन नदी के अन्य सहायक नदियों के कछारों को पौधरोपण में शामिल किया जाएगा।
पानी रोकने बनेंगे डेम

नर्मदा की सहायक नदियों को सूखने से बचाने के लिए उसकी सहायक नदियों के आस-पास के क्षेत्रों में छोटे छोटे डेम बनाए जाएंगे। यह डेम उन स्थानों पर बनाए जाएंगे जहां से नालों से पानी एक_ा होकर नदियों में जाता है। इन डेमों के माध्यम से बारिश के पानी को नदियों में बेकार बहने से रोका जाएगा। डेमों के किराने पौधरोपण भी किए जाएंगे। डेम बनाने का सर्वे कार्य जून-जुलाई में किया जाएगा।

कैचमेंट एरिया में होगी जैविक खेती
नदियों के किनारे जैविक खेती करने पर जोर दिया जाएगा। वन, कृषि, पंचायत और उद्यानिकीय विभाग के अधिकारियों किसानों को जैविक खेती करने संबंध में पे्ररित करेंगे। जिससे नदियों के पानी रसायन घुलने से बचाया जा सके। किसानों को जैविक खेती के हाट-बाजार भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे वे मार्केटिंग समितियों के माध्यम से अनाज बेच सकें। इसके अलावा किसानों को निजी भूमि पर फल, फूल, आम, ऑवला, सब्जी, मसाला की खेती के प्रेरित किया जाएगा। उन्हें यह भी सलाह दी जाएगी कि वे सिंचाई के लिए कुछ खेतों में बारिश का पानी जमा करें।

कैंपा से 900 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार

प्रदेश स्तरीय कैंपा समिति ने पौधरोपण और वन्य प्राणियों के रहवास विकास के लिए करीब 900 करोड़ रूपए का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्तव में इस वर्ष जल संरक्षण, तालाब निर्माण, सोलर लाइट, सुरक्षाकर्मियों और छोटे कर्मचारियों के आवास निर्माण को भी शामिल किया गया है।

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