वल्लभ भवन में लगेगी प्लास्टिक बॉटल क्रशिंग मशीन
अच्छी पहल : प्रदेश की पहली मशीन शहर में

भोपाल. प्रदेश की पहली प्लास्टिक बॉटल क्रशिंग मशीन वल्लभ भवन के परिसर में स्थापित होगी। विश्व पर्यावरण दिवस पर पांच जून को प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से इसकी स्थापना कराई जाएगी। इसके लग जाने से प्लास्टिक बॉटल्स का कचरा यहां-वहां नहीं बढ़ेगा। साथ ही कचरे को फैलने से रोकने में भी मदद मिलेगी।
एेसे काम करती है मशीन : मशीन में प्लास्टिक बॉटल्स डालने के साथ वह बॉटल को क्रश (दबा) देती है। इसके बाद बॉटल्स को कई छोटे टुकड़ों में काट देती है। छोटे टुकड़ों में बंट जाने के बाद बॉटल्स के प्लास्टिक कचरे को ढ़ोना बेहद आसान होता है। मशीन से बॉटल क्रश करने वाले को एक पर्ची मिलती है जिस पर बॉटल क्रश करने का जिक्र होने के साथ नागरिकों को प्रोत्साहित करने के लिए कूपन के साथ डिस्काउंट भी ऑफर किया जाता है।
लगने के पहले उठने लगे सवाल : प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से क्रशिंग मशीन लगाए जाने के पहले ही इसकी स्थापना पर सवाल उठने लगे हैं। देश के सबसे साफ शहर का दर्जा पा चुके मैसूर ने अपने शहर के रेलवे स्टेशन पर मशीन लगवाई। स्टेशन पर ६० हजार फुटफॉस की गणना के बाद निर्णय लिया गया।
इसी तरह देहरादून ने अपने सबसे व्यस्त इलाके में पर्यटकों की संख्या के आधार पर मशीन लगवाई। शहर में मुख्य रेलवे स्टेशन सहित अन्य स्टेशन और बस स्टैंड पर न केवल सबसे ज्यादा लोग आते हैं बल्कि इन्हीं जगहों पर प्लास्टिक बॉटल्स का कचरा भी सबसे ज्यादा फैलता है। लेकिन फुटफॉल को देखकर सटीक जगह मशीन लगाने के बजाए आला अधिकारियों के दरवाजे पर मशीन लगाने से इसका सही उपयोग तक नहीं हो सकने की आशंका पैदा हो गई है।
इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस को एक पखवाड़े तक समारोहपूर्वक मनाया जा रहा है। पर्यावरण दिवस के अवसर पर पांच जून को वल्लभ भवन में बॉटल क्रशिंग मशीन की स्थापना की जाएगी, जिससे प्लास्टिक वेस्ट को नष्ट करने में सहायता मिलेगी, भविष्य में अन्य जगहों पर भी एेसी मशीनें लगाएंगे।
पीएस बुंदेला, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल
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