वेस्ट टू वेल्थ को लेकर सरकार गंभीर साफ-सफाई के प्रति जन जागरण एक बात है लेकिन जो कचरा हम पैदा करते हैं, उसका निपटान हमारे रास्ते का एक बड़ा रोड़ा है। ऐसे में वेस्ट मनैजमेंट को हमें और प्रभावी बनाना होगा। वेस्ट टू वेल्थ को लेकर सरकार गंभीर प्रयास कर रही है।’। इस दौरान उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में स्वच्छता अभियान से जुड़े लोगों से भी चर्चा की।
स्वच्छता अभियान किसी से अछूता नहीं पीएम मोदी ने कहा, ‘चार वर्ष पहले शुरू हुआ स्वच्छता आंदोलन अब एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर आ पहुंचा है। हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि राष्ट्र का हर तबका, हर संप्रदाय, हर उम्र के मेरे साथी, इस महाअभियान से जुड़े हैं। गांव-गली-नुक्कड़-शहर, कोई भी इस अभियान से अछूता नहीं है।’
पीएम ने गांव की सरपंच से की बात
पीएम मोदी ने राजगढ़ गांव के सरपंच कौशल्या बाई के पति दिनेश तेजरा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता एक आदत है, इसे सभी को अपने स्वभाव में शामिल करना चाहिए। साथ ही लोगों से उन्होंने अपील की कि सभी को मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाना चाहिए। इस दौरान पीएम ने दिनेश और राजगढ़ के सभी नागरिकों को स्वच्छता से जुडने के लिए बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा, जनधन गोवर्धन और वंधन की नींव पर गांव, गरीब और आदिवासी का जीवन ऊपर उठाने का प्रयास किया जा रहा है। अब वो दिन दूर नहीं जब कचड़ा कमाल करेगा और सीवर से संपदा निकलेगी।
पीएम मोदी ने राजगढ़ गांव के सरपंच कौशल्या बाई के पति दिनेश तेजरा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता एक आदत है, इसे सभी को अपने स्वभाव में शामिल करना चाहिए। साथ ही लोगों से उन्होंने अपील की कि सभी को मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाना चाहिए। इस दौरान पीएम ने दिनेश और राजगढ़ के सभी नागरिकों को स्वच्छता से जुडने के लिए बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा, जनधन गोवर्धन और वंधन की नींव पर गांव, गरीब और आदिवासी का जीवन ऊपर उठाने का प्रयास किया जा रहा है। अब वो दिन दूर नहीं जब कचड़ा कमाल करेगा और सीवर से संपदा निकलेगी।
क्या है गोबर धन योजना
केन्द्र सरकार ने गोबर धन योजना की घोषणा वित्तीय वर्ष 2018 के बजट में की थी। बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश के तहत इस योजना का जिक्र किया था। इस योजना के तहत गोबर और खेतों के बेकार या इस्तेमाल में न आने वाले उत्पादों को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में बदल दिया जाएगा।
केन्द्र सरकार ने गोबर धन योजना की घोषणा वित्तीय वर्ष 2018 के बजट में की थी। बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश के तहत इस योजना का जिक्र किया था। इस योजना के तहत गोबर और खेतों के बेकार या इस्तेमाल में न आने वाले उत्पादों को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में बदल दिया जाएगा।