षडयंत्रपूर्वक दिया था ऋण
पीएनबी के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक राजेंद्र मोहन नायर ने करीब छह महीने पहले फर्जी ऋण मामले की पुलिस को शिकायत की थी। शिकायत में बताया था कि जांच में रेडिमेड वस्त्र निर्माण के लिए ऋण लेने आवेदनकर्ता सांई कॉलोनी आष्टा निवासी प्रशांत गुप्ता, परमार मशीनरी व कृषि सेवा केंद्र के प्रोपाराइटर मनोज परमार ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक एमपी करारी, बैंक अधिकारी एसएन विश्वकर्मा व बैंक व जिला उद्योग केंद्र सीहोर के पदाधिकारियों के साथ मिलकर षडयंत्र रचकर व्यवसाय प्रारंभ नहीं करने पर भी ऋण लिया था। जब इसकी जांच हुई तो पुलिस और प्रबंधन की पैरों तले की जमीन खिसक गई थी। इसमें फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपए का ऋण लेकर लाभ प्राप्त किया। जांच के बाद सभी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था।
पूर्व प्रबंधक की कई दिन से थी तलाश
फर्जीवाड़ा का मामला उजागर होने के बाद बैंक ने पूर्व शाखा प्रबंधक एमपी करारी को सस्पेंड कर दिया था। थाने मेें उसके खिलाफ प्रकरण कायम होने के बाद से ही पुलिस तलाश में जुटी थी। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली की पूर्व प्रबंधक इंदौर में है। इसके बाद पुलिस की तीन सदस्य की टीम इंदौर के कनाडिय़ा पहुंची। यहां से उसे गिरफ्तार कर रविवार रात आष्टा लेकर आई। सोमवार को उसे न्यायालय में पेश किया। यहां से पांच दिन की पीआर पर लिया है। इससे मामले में और भी बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है।
मुख्य आरोपी हो चुका है गिरफ्तार
मुख्य आरोपी मनोज परमार को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। कई दिन से जेल में बंद है। दो दिसंबर को सीबीआई की १५ सदस्यों की टीम ने आष्टा पहुंचकर उसके ठिकानों पर दबिश देकर छापामार कार्रवाई की थी। घंटों तक चली कार्रवाई में टीम ने आरोपी के घर से कई मुख्य दस्तावेज बरामद कर अपने साथ ले गई थी। बता दे कि पिछले दिनों बैंक में 6 करोड़ 20 लाख रुपए के 11 मामला उजागर होने के बाद से ही यह सुखियों में है।
गिरफ्तारी की है
पीएनबी के पूर्व शाखा प्रबंधक एमपी करारी को इंदौर के कनाडिय़ा से गिरफ्तार किया है। उसे पांच दिन 22 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर लिया है। मामले की जांच जारी है।
राजकुमार यादव, एएसआई आष्टा