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पुलिस-परिवहन विभाग को ‘नजर’ नहीं आती फर्राटा भर रहीं स्कूल बसें

locationभोपालPublished: Aug 04, 2018 08:14:36 am

Submitted by:

Rohit verma

खतरे में बचपन, लेकिन सडक़ पर जांचें सिर्फ हेलमेट और लाइसेंस तक सीमित

school bus

पुलिस-परिवहन विभाग को ‘नजर’ नहीं आती फर्राटा भर रहीं स्कूल बसें

भोपाल. गौतम नगर इलाके के आरिफ नगर में फर्राटा भर रही स्कूल बस की चपेट में आने से छह साल की बच्ची कुलसुम की मौते के बाद भी जिम्मदार विभागों की नींद नहीं टूटी। शुक्रवार को पुलिस कार, दोपहिया वाहनों की जांच करने में मशगूल रही और जांच प्वाइंट से स्कूल वाहन फर्राटा भरते रहे।
इनकी जांच करना तो दूर पुलिस ने इनकी ओर नजर तक नहीं फेरी। लापरवाही का आलम यह है कि स्कूल शुरू होने के दो माह बाद भी वाहनों की चैकिंग नहीं की गई। ट्रैफिक पुलिस, परिवहन अमला छोटे स्कूल वाहनों पर कार्रवाई कर ढिंढोरा पीटता है।
मजाक बनी ‘सुप्रीम कोर्ट ’ गाइडलाइन
सुप्रीम कोर्ट स्कूल बस संचालन के लिए 14 बिन्दुओं की गाइड लाइन तैयार की थी। इनकी जांच के बाद ही स्कूल बस का संचालन शहर में किया जा सकता है। जिम्मेदारों की लापरवाही से स्कूली वाहनों में गति नियंत्रक से लेकर मेडिकल, केयर टेकर जैसी सुविधाएं भी नहीं हैं।
इसलिए अफसर कार्रवाई से बच रहे
श हर में अधिकतर प्राइवेट विद्यालय रसूखदारों के हैं। उन्हें प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। वहीं, पुलिस समेत तमाम विभागों के अफसरों के बच्चे इन स्कूलों में पढ़ते हैं। राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण के चलते अधिकारी ट्रैफिक और परिवहन अमला बड़े स्कूलों के वाहनों की जांच करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है।

…अब स्पीड गवर्नर की मैकेनिकल जांच
आरिफ नगर में बच्ची को कुचलने वाली बस में स्पीड गवर्नर चालू हालत में था या डिस्कनेक्ट, इसकी जांच के लिए पुलिस उसकी मैकेनिकल जांच कराएगी। घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस से यही दावा किया था कि हादसे के वक्त बस की रफ्तार 70 किमी प्रति घंटा से अधिक रही होगी। यही वजह रही कि चालक इस्माइल खान बच्ची को सडक़ पार करते हुए देखने के बाद भी बस को नियंत्रित नहीं कर सका।
यह है सच…
स्कूल बस 1739
स्कूल वैन 5500
स्कूल ऑटो 3500

साढ़े तीन लाख से अधिक बच्चे हर रोज सफर कर रहे।
2017 में अभियान चलाकर बसों की जांच में 25 फीसदी ही गाइडलाइन के पालन करने में पूरी मिली थीं।
2018 में स्कूल वाहनों की जांच अभियान ही नहीं चल सका।
पुलिस सडक़ पर हर वाहनों की जांच करती है। कई स्कूल वाहनों पर कार्रवाई की गई है। नियम का पालन नहीं करने वाले स्कूल वाहनों पर आगे भी कार्रवाई की जाएगी।
महेन्द्र जैन, एएसपी ट्रैफिक
स्कूल वाहनों की जांच लगातार हो रही है। सत्र शुरू होने के पहले भी स्कूल बसों की जांच की गई थी। जिस बस में कमी मिलती है, उसको जब्त करने साथ ही कार्रवाई की जाती है। कभी-कभी अमले की कमी से दिक्कत हो सकती है।
संजय तिवारी, आरटीओ भोपाल

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