शांतिलाल उर्फ कौशल शर्मा पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले में आरोपी है। शांतिलाल की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने का हवाला देकर उसकी ओर से अदालत में प्रकरण की कार्यवाही स्थगित करने की मांग की थी। इस संबंध में शांतिलाल की ओर से ग्वालियर के मनोचिकित्सक डॉ मुकेश चंगुनानी का इलाज का पर्चा लगाया था।
जवाब में सीबीआई ने कहा कि पूरे मामले की सुनवाई के दौरान शांतिलाल ने मनोरोगी होने के संबंध में कोई बात नहीं बताई। सीबीआई की मांग पर अदालत ने डॉ मुकेश को तलब किया था। गवाही के दौरान डॉ मुकेश ने बताया कि शांतिलाल बायपोलर डिप्रेशन से पीडित है, जिससे दिनचर्या अनियमित हो जाती है।
शांतिलाल का न्यायिक परीक्षण करने पर कोर्ट को उसका आचरण कुछ असमान्य सा लगा। जज के प्रश्र पूछने पर शांतिलाल ने विचार शून्य होकर कुछ देर बाद जबाव दिए। यह देखकर अदालत ने शांतिलाल की मानसिक विकृत्ता के संबंध में गांधी मेडिकल के एचओडी को चिकित्सकीय जांच कर अभिमत देने के आदेश दिए हैं।
तिलक हाउसिंग सोसाइटी के अध्यक्ष- उपाध्यक्ष को जेल भेजा दो सदस्यों की जमानत अर्जी खारिज : धोखाधडी और दस्तावेजों के कूटरचना के मामले में अदालत ने तिलक गृहनिर्माण सोसाईटी के अध्यक्ष कर्नल भूपेन्द्र सिंह और उपाध्यक्ष शरीफ खान को 20 फरवरी तक जेल भेज दिया है। मजिस्ट्रेट रोहित श्रीवास्तव ने गुरूवार को यह आदेश दिए हैं। कोहेफिजा पुलिस ने पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद दोनों को अदालत में पेश कर जेल भेजने की मांग की जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
दूसरी ओर जेल में बंद सोसाईटी के दो सदस्य शफीक मोहम्मद, रफीक मोहम्मद, की जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी है। अपर सत्र न्यायाधीश चन्द्र देव शर्मा ने यह आदेश दिए हैं। कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि कूटरचित मुख्तारनामा के आधार पर करीब 93 एकड़ जमीन बेचकर असल मालिक को उसके अधिकारों से वंचित किया गया है। अपराध की गंभीरता और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संपत्ति बेचने की बढती हुई घटनाओं को देखते हुए जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।
5 हमलावरों को 10 साल की कैद जानलेवा हमले के एक मामले में अदालत ने रविप्रताप सिंह, उत्कर्ष भार्गव, राजेन्द्र मीना, प्रशांत शर्मा और सत्यनारायण शर्मा को 10-10 साल के सश्रम कारावास- 30 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश सीएम उपाध्याय ने यह फैसला सुनाया है। मामला गोविन्दपुरा थाने का है। अभियोजन के अनुसार 18 अपै्रल 2014 की रात करीब 8 बजे पुरानी रंजिश को लेकर रविप्रताप और उसके साथियों ने शेखर भदौरिया को रास्ते में रोककर जानलेवा हमला किया था।