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हॉस्टल में बिना अनुमति कैसे घुस गई पुलिस, सही गलत पर अधिकारी करते रहे चर्चा

locationभोपालPublished: Jan 14, 2018 09:44:26 am

शुक्रवार की रात बीयू के छात्रों के साथ पुलिस ने की मारपीट, मानव अधिकार आयोग में शिकायत करेंगे पीडि़त छात्र…

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भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) प्रशासन की असक्षमता छात्रों के बीच शुक्रवार को सामने आए विवाद के बाद उजागर हुई। छात्रों के बीच हो रही गुटबाजी चल रही है। प्रशासनिक स्तर पर मदद नहीं मिलने पर छात्रों को पुलिस तक जाना पड़ रहा है।
पुलिस ने बिना मंजूरी जवाहर हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा भी। इधर, बीयू में धारा 52 लगने के बाद प्रो.प्रमोद कुमार वर्मा के कुलपति बने पांच महीने बीत चुके हैं। इसके बाद भी छात्रों की समस्याएं खत्म होने के बजाए बढ़ती दिख रही हैं। उधर, प्रशासन ने पूरा समय चर्चा करने में निकाल दिया और घटना की जानकारी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शासन को भी नहीं पहुंचाई। इस चर्चा में अधिकारियों को पत्र लिखकर सूचना भेजने का निर्णय लिया गया।
पीडि़त छात्रों ने शनिवार को विवि के प्रशासनिक भवन पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। छात्रों ने बताया कि उन्होंने सात पुलिसकर्मियों की पहचान कर ली है। जिसकी वे सोमवार को मानव अधिकार आयोग में भी शिकायत दर्ज कराएंगे। वे इस घटना से शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त हुए हैं।
छात्रों के विरोध की जानकारी मिलने पर अधिकारी धीरे-धीरे कर बीयू पहुंचे। इनक कहना है कि शनिवार की छुट्टी थी इसलिए वे लेट आए। वहीं कुलपति प्रो. प्रमोद कुमार वर्मा व रजिस्ट्रार डॉ.यूएन शुक्ल अवकाश पर हैं। इनसे संपर्क साधने की कोशिश की गई उन्हें घटना के संदर्भ में एसएमएस भी किया। लेकिन उन्होंने जवाब देना जरुरी नहीं समझा। हैरानी की बात यह है कि बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (बूटा) इस घटना को लेकर अनभिज्ञ है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.विनय श्रीवास्तव ने इस संबंध में चर्चा करने इंकार कर दिया।
16 छात्रों को मुचलके पर छोड़ा –
दो अलग-अलग शिकायतों पर जवाहर हॉस्टल के सात छात्रों पर और मुंशी प्रेम चंद्र के नौ छात्रों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। इन छात्रों को शनिवार शाम मुचलके पर छोड़ा गया।
प्रभारी रजिस्ट्रार अजीत श्रीवास्तव से सीधी बात —

सवाल – क्या पुलिस का पुलिस का इस तरह विश्वविद्यालय में प्रवेश करना सही है?

जवाब – मुझे लगता है कि यह कार्रवाई गलत है। कोई किसी के घर में, घर मालिक की अनुमति के बिना कैसे प्रवेश कर सकता है। कम से कम सूचना तो देनी ही चाहिए थी।
सवाल – घटना की इतनी देर हो चुकी है। ना सिर्फ छात्र पिटे बल्कि हॉस्टल में तोडफ़ोड़ हुई क्या कार्रवाई की गई?

जवाब – अभी चर्चा की जा रही है। चर्चा करने के लिए ही हम सब इकठ्ठे हुए हैं। इस मामले में प्रॉक्टर कमेटी जो भी निर्णय लेगी उसके अनुसार कार्रवाई की गई। अभी किसी भी अधिकारी को सूचना नहीं दी गई है। प्रॉक्टर बीयू डॉ.केएन त्रिपाठी ने कहा कि पुलिस का विश्वविद्यालय के हॉस्टल में बिना अनुमति घुसना और छात्रों को मारना सही है या नहीं इसके नियमों की तलाश कर रहे हैं। क्योंकि मैं सात-आठ दिन पहले ही प्रॉक्टर बना हूं। पहले हम छात्रों के बीच सुलह कराना चाहते हैं। इसलिए पुलिस थाने जाकर थाना प्रभारी से भी बात की गई।

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