ट्रेनिंग ब्रेक पर करते हैं जिला वापस –
प्रदेश में पांच हजार पुलिस आरक्षकों की भर्ती की गई है। चयनित आरक्षकों में से 4600 ट्रेनिंग करने पहुंचे। इन्हें भोपाल के भौंरी, ग्वालियर के तिघरा,सागर, रीवा, पचमढ़ी, उज्जैन पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स में ट्रेनिंग दी जा रही है। कांस्टेबल्स को नौ महीने की ट्रेनिंग पूरी करनी होती है।प्रशिक्षण शाखा के अनुसार 10 दिनों से ज्यादा का गैप आते ही ट्रेनिंग ब्रेक मानी जाती है। एेसे ट्रेनीज को उनके गृह जिले भेज दिया जाता है। अगले सेशन में फिर नौ महीने ट्रेनिंग करनी होती है।
प्रदेश में पांच हजार पुलिस आरक्षकों की भर्ती की गई है। चयनित आरक्षकों में से 4600 ट्रेनिंग करने पहुंचे। इन्हें भोपाल के भौंरी, ग्वालियर के तिघरा,सागर, रीवा, पचमढ़ी, उज्जैन पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स में ट्रेनिंग दी जा रही है। कांस्टेबल्स को नौ महीने की ट्रेनिंग पूरी करनी होती है।प्रशिक्षण शाखा के अनुसार 10 दिनों से ज्यादा का गैप आते ही ट्रेनिंग ब्रेक मानी जाती है। एेसे ट्रेनीज को उनके गृह जिले भेज दिया जाता है। अगले सेशन में फिर नौ महीने ट्रेनिंग करनी होती है।
फैक्ट फाइल –
5000 अभ्यार्थी : कांस्टेबल परीक्षा में सफल हुए ।
4600 अभ्यार्थी : कांस्टेबल ट्रेनिंग लेने पहुंचे ।
60 अभ्यार्थी : अब तक जिला वापस हुए ।
10 अभ्यार्थी : की जिला वापसी की प्रक्रिया जारी।
4050 अभ्यार्थी : कांस्टेबल परीक्षा में सलेक्ट हुए ग्रेज्युएट।
5000 अभ्यार्थी : कांस्टेबल परीक्षा में सफल हुए ।
4600 अभ्यार्थी : कांस्टेबल ट्रेनिंग लेने पहुंचे ।
60 अभ्यार्थी : अब तक जिला वापस हुए ।
10 अभ्यार्थी : की जिला वापसी की प्रक्रिया जारी।
4050 अभ्यार्थी : कांस्टेबल परीक्षा में सलेक्ट हुए ग्रेज्युएट।
10 से अधिक कतार में…
वापस भेजे जाने के लिए 10 से अधिक कतार में हैं, जिनकी ट्रेनिंग पूरी होना मुश्किल दिख रहा है। ट्रेनिंग के लिए उन्हें विधिवत ज्वाइनिंग और वेतन मिलता है। जबकि कुछ वर्षों पूर्व तक ट्रेनिंग में आने वाले कांस्टेबल्स में से ज्यादातर ट्रेनिंग पूरी करते थे।
वापस भेजे जाने के लिए 10 से अधिक कतार में हैं, जिनकी ट्रेनिंग पूरी होना मुश्किल दिख रहा है। ट्रेनिंग के लिए उन्हें विधिवत ज्वाइनिंग और वेतन मिलता है। जबकि कुछ वर्षों पूर्व तक ट्रेनिंग में आने वाले कांस्टेबल्स में से ज्यादातर ट्रेनिंग पूरी करते थे।
कांस्टेबल भर्ती में न्यूनतम अर्हाता 10वीं पास है, लेकिन अधिकांश चयनित अभ्यर्थी उच्च शिक्षित हैं। एेसे में इनमें से कई की प्राथमिकता कांस्टेबल ड्यूटी की नजर नहीं आती, जिसका असर टे्रनिंग पर भी दिख रहा है।
– अशोक अवस्थी, एडीजी, ट्रेनिंग
– अशोक अवस्थी, एडीजी, ट्रेनिंग
इधर, एक दो दिन में गिर सकती हैं तेज बौछार:
राजधानी भोपाल में तापमान फिर 33 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। धूप और गर्मी से बढ़ी उमस ने रविवार को दिनभर लोगों को परेशान किया। मौसम विभाग के अनुसार अंचल में नमी 89 प्रतिशत तक बनी हुई है। एेसे में तामपान बढऩे से अगले एक दो दिन में लोकल हीटिंग से तेज बौछारें गिरी सकती हैं। बंगाल की खाड़ी की तरफ से भी प्रदेश में खासी नमी आ रही है।
राजधानी भोपाल में तापमान फिर 33 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। धूप और गर्मी से बढ़ी उमस ने रविवार को दिनभर लोगों को परेशान किया। मौसम विभाग के अनुसार अंचल में नमी 89 प्रतिशत तक बनी हुई है। एेसे में तामपान बढऩे से अगले एक दो दिन में लोकल हीटिंग से तेज बौछारें गिरी सकती हैं। बंगाल की खाड़ी की तरफ से भी प्रदेश में खासी नमी आ रही है।
विभाग के अनुसार रविवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 33.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक था। न्यूनतम तापमान 23.5 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। रविवार को दिन भर छाए रहे बादल बिन बरसे ही निकल गए, हालांकि दिन में कई बार एेसा लगा कि बूंदाबांदी होगी, लेकिन नही हुई।