लॉकडाउन के बाद बंदर और हेड कांस्टेबल के बीच ऐसा रिश्ता बन गया है कि उन्हें देखते ही बंदरों का हुजूम लग जाता है। दरअसल करंजिया से नर्मदा उद्गम स्थल अमरकंटक की दूरी महज 15 किलोमीटर है और करंजिया से अमरकंटक तक काफी घना जंगल पड़ता है।
अपने हाथों से खिलाते है
लॉकडाउन के पहले अमरकंटक जाने वाले पर्यटक बंदरों को फल बिस्किट व चने खाना आदि खिला देते थे लेकिन लॉकडाउन के चलते पर्यटन बंद हो गया और बेचारे बंदर भूखे रहने लगे ऐसे में बार्डर ड्यूटी से लौट रहे हेड कांस्टेबल ने बंदरों का पेट भरने का फैसला लिया और लॉकडाउन के बाद से पुलिस का यह जवान रोज अपने पैसों से बंदरों के लिये फल और बिस्किट लेकर जंगल जाते है और भूखे बंदरों को अपने हाथों से खिलाते हैं।