डॉक्टरों ने कहा कि ये बीमारियां रावण के दस सिरों के समान हैं, एक सिर काटो तो दूसरा दहाड़ता है। बीपी, शुगर और दिल की बीमारियों का सजगता के साथ इलाज कराना जरूरी है। खास बात है कि शुगर और बीपी के मरीजों में से 70 फीसदी पुलिसकर्मियों ने एक साथ तीनों बीमारियों की जांच नहीं करवाई है। इस बारे में जब डॉक्टरों ने पूछा तो पुलिसकर्मियों ने तर्क दिया कि बीमारी का पता चल जाएगा, इसके डर से चेकअप नहीं कराया।
डॉक्टरों ने नाराजगी जाहिर करते हुए सलाह दी
इस पर डॉक्टरों ने नाराजगी जाहिर करते हुए सलाह दी कि आपका परिवार उस दिन ज्यादा भयभीत होगा, जिस दिन आपको अचानक कुछ हो जाएगा। गैर सरकारी संगठन फाउंडेशन ऑफ सोशल अवेकनिंग के संस्थापक अध्यक्ष अनुराग डोंढियाल ने कहा कि कैंप में पुलिस का फिटनेस परिणाम नकारात्मक आया है। कई को शुगर के बारे में जानकारी नहीं थी तो कई लापरवाही पूर्वक रुटीन चेकअप तक नहीं करवाते हैं। सेमिनार में पुलिसकर्मियों को फिट रहने के टिप्स दिए गए हैं।
महिला पुलिसकर्मी मिलीं एनिमिक
स्वास्थ्य परीक्षण में महिला पुलिसकर्मियों में तनाव कम पाया गया। पुरुष पुलिस कर्मियों की तुलना में ये अधिक फिट थीं। हालांकि महिला पुलिसकर्मियों में खून की कमी (एनिमिक) की शिकायत मिली है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि वे रक्तदान नहीं करें। हेल्थ चेकअप में 40 साल से अधिक उम्र वाले पुरुष पुलिसकर्मी मोटापे, हाई बीपी, शुगर, तनाव और अनिद्रा से ग्रसित मिले। इससे निजात पाने के लिए डॉक्टरों ने योग, स्वीमिंग, जॉगिंग, ध्यान करने की सलाह दी। ये भी कहा कि परिवार व दोस्तों के साथ समय बिताएं। हालांकि ये सुनते ही कई पुलिसकर्मियों का दर्द छलक उठा और उन्होंने कहा कि इतना समय होता ही नहीं है कि ये सब कर पाएं।