भोपाल

Political Revenge: बीजेपी के ‘मैनेजर्स’ को टारगेट कर रहे हैं कमलनाथ!

Political Revenge: तो मध्यप्रदेश बन गया है सियासत का नया बदलापुर

भोपालJul 30, 2019 / 06:05 pm

Muneshwar Kumar

भोपाल. मध्यप्रदेश अब सियासत का नया बदलापुर ( Political Revenge ) बनता जा रहा है। कर्नाटक में बीजेपी की चाल से मात खाई कांग्रेस, मध्यप्रदेश में बदला ले रही है। पॉलिटिक्स के बदलापुर के नायक मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ( Kamal Nath ) हैं। शिवराज सिंह के राज की फाइलें अब वे दनादन खुलवा रहे हैं। इन फाइलों के जरिए सीएम कमलनाथ बीजेपी के मैनेजर्स को टारगेट कर रहे हैं। जो मध्यप्रदेश में पार्टी के खेवनहार हैं।
 

कर्नाटक के नाटक का अंत होते ही मध्यप्रदेश बीजेपी नाटक शुरू होने का दावा कर रही थी। कमलनाथ ने बीजेपी को अपने फुल प्रूफ प्लानिंग के जरिए ऐसे चोट किया, जिसकी भनक बीजेपी के दिग्गजों को नहीं थी। मध्यप्रदेश विधानसभा में दंड विधि संशोधन विधेयक के लिए हुई वोटिंग में बीजेपी के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इसके बाद बीजेपी खेमे में खलबली मच गई।
 

सरकार में आते ही सीएम कमलनाथ ने ई-टेंडरिंग घोटाले की फाइल खुलवा दी थी। अब उस मामले में कार्रवाई तेज हो गई है। शिवराज सरकार में मंत्री रहे और बीजेपी के दिग्गज नेता नरोत्तम मिश्रा के सहयोगियों की गिरफ्तारी हुई है। ई-टेंडर घोटाले में पहले भी कई कार्रवाई हुई है। लेकिन पहली बार मंत्री के करीबियों पर गाज गिरी है। नरोत्तम बीजेपी के मध्यप्रदेश में एक तरीके से संकटमोचक भी हैं।
 

ईओडब्ल्यू कर रही जांच
ई-टेंडर घोटाले की जांच ईडब्ल्यू कर रही है। इस मामले में नरोत्तम मिश्रा के दो लोग वीरेंद्र पांडे और निर्मल अवस्थी को जेल भेजा गया है। शिवराज सिंह के सरकार में यह मंत्रालय नरोत्तम मिश्रा के पास ही था। हालांकि गिरफ्तारी के बाद ईओडब्ल्यू की तरफ से कहा गया कि इनके खिलाफ ई-टेंडर में टेपंरिंग के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं।
इसे भी पढ़ें: बड़े घोटाले में फंस सकते हैं कैलाश विजयवर्गीय , कमलनाथ सरकार ने खोली जांच की फाइल

 

‘तोड़फोड़’ के मास्टर हैं नरोत्तम
हालांकि अपने सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि चपरासी और बाबू जैसे लोगों को कमलनाथ की सरकार तंग कर रही है। ईओडब्ल्यू अगर मुझे नोटिस देता है तो मैं बैंड-बाजे के साथ जवाब देने जाऊंगा। हालांकि कहा जाता है कि शिवराज सिंह के शासन काल में नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस को कई झटके दिए थे। उस वक्त के विधायक दल के उप नेता चौधरी राकेश सिंह और संजय पाठक को बीजेपी में लाने में नरोत्तम ने अहम भूमिका निभाई थी।
kailash vijayvargiya
 

कैलाश विजयवर्गीय भी निशाने पर
अब बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के महापौर कार्यकाल में इंदौर में हुए पेंशन घोटाले की जांच को कमलनाथ सरकार फिर से खोलने जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने तीन मंत्रियों की कैबिनेट कमेटी घटित की है। यह कमेटी पेंशन घोटाले में गठित जस्टिस एनके जैन आयोग की रिपोर्ट का परीक्षण करेगी। आयोग ने जिन बिंदुओं पर चुप्पी साधी, उनकी जांच कराने की सिफारिश करेगी। सरकार ने यह रिपोर्ट विधानसभा के बजट सत्र में पेश करने से फिलहाल रोक ली है।
इसे भी पढ़ें: IAS Transfer: महिला के साथ रंगरेलियां मनाने वाले IAS अफसर हुए ‘शंट’, गए लंबी छुट्टी पर

 

कैलाश विजयवर्गीय के बीजेपी के दिग्गज नेता हैं। शाह और मोदी का उन्हें करीबी बताया जाता है। लोकसभा चुनावों के दौरान मिशन बंगाल को भी कैलाश विजयवर्गीय ने अंजाम दिया था। कैलाश के रसूख को इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि बैटकांड में फंसे विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय पर पार्टी कोई कार्रवाई अभी तक नहीं कर सकी। ऐसे में कमलनाथ उन्हें कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
shivraj singh chauhan
 

व्यापमं की भी खुलेगी फाइल
इसके साथ ही मध्यप्रदेश व्यापमं घोटाले को लेकर सुर्खियों में रही है। कमलनाथ की सरकार फिर से व्यापमं से जुड़ी फाइलें खंगलवा रही हैं। ऐसे में अगर व्यापमं की जांच फिर से शुरू होती है तो कई और लोग फंस सकते हैं। इस बहाने कांग्रेस पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी टारगेट कर सकती है।
इसे भी पढ़ें: VIDEO: कैलाश विजयवर्गीय बोले- ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो ये गौरव की बात

 

कमलनाथ के भांजे हैं फंसे
हालांकि सत्ता के हिसाब से ये चीजें चलती रहती हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मध्यप्रदेश में कमलनाथ के करीबियों के घर ईडी और इनकम टैक्स के छापे पड़े थे। इस मामले में उनके भांजे रतुल पुरी फंसे हुए हैं। ईडी अभी भी उनसे लगातार पूछताछ कर रही है। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में वे आरोपी हैं।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.