आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने PFI पर बैन को लेकर केंद्र सरकार के फैसले का आभार जताया। उन्होंने रहा कि, ये देश के भीतर बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक है। प्रदेशभर से कुल 25 लोग गिरफ़्तार किये गए हैं। पूछताछ के आधार पर ही कार्रवाई की गई है। एक-एक स्लीपर सेल को ढूंढकर उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। प्रदेश में कानून का राज है, इसलिए यहां कोई नहीं बचेगा। गिरफ़्तार हुए लोगों के तार ISI से जुड़े पाए गए हैं। देशभर में हुई कई हत्याओं में PFI संगठन के हाथ पाए गए हैं। राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में इनकी संलिप्तता भी पाई गई है। PFI के सभी कनेक्शन और सक्रिय सदस्य निकाले जाएंगे। स्लीपर सेल निकले तो बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, दूसरी तरफ पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, 8 साल से सरकार है। अब क्यों अचानक से याद आया कि, बैन करना है। अगर सरकार को ये अब समझ आया है तो ये पूरी तरह से इंटेलिजेन्स फ़ेलियर है। क़ानून व्यवस्था ध्वस्त है। बीजेपी जानबूझकर ऐसी चीजें रोके रखती है, जिसका माइलेज ये चुनाव आने से पहले ले सके। पीसी शर्मा ने कहा कि, गुजरात, हिमाचल में चुनाव के चलते ये स्ट्राइक की गई है। भारत जोड़ो यात्रा में लोगों के सहयोग से बीजेपी डर गई। वहीं, चुनाव के पहले ऐसी कार्रवाई कर दो, उसके बाद सब ठंडे बस्ते में जाने दो।
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ये संगठन हुए बैन
आपको बता दें कि, केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट (NVF), जूनियर फ्रंट(JF), एम्पावर इंडिया फाउंडेशन (FIF) और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठन बैन कर दिए हैं।