साइलेंट जोन में ध्वनि प्रदूषण का स्तर अधिकतम मानक से 15 डेसीबल ज्यादा
रिपोर्ट बताती है कि साइलेंट जोन में ध्वनि प्रदूषण का स्तर अधिकतम मानक से 15 डेसीबल ज्यादा रेकॉर्ड किया गया है। लालघाटी चौराहे पर दिन के समय ध्वनि प्रदूषण का स्तर 80 डेसीबल तक रेकॉर्ड हो रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने परिवहन विभाग को सड़कों पर सख्ती से कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में कलेक्टर तरुण पिथोड़े का कहना है कि मॉडीफाइ वाहनों पर मुहिम चलाने निर्देश दिए हैं। अगले माह रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी।
स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव
— 85 डेसीबल से ऊपर की आवाज में लगातार आठ घंटे से ज्यादा रहने वालों की सुनने की क्षमता स्थायी रूप से कम हो सकती है।
— कान के पास 140 डेसीबल से ऊपर की तेज आवाज कान के पर्दों को घातक नुकसान पहुंचा सकती है।
— सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। दिमागी विकास रुकने के साथ दिल धड़कने की गति पर भी असर पड़ता है।
रिपोर्ट बताती है कि साइलेंट जोन में ध्वनि प्रदूषण का स्तर अधिकतम मानक से 15 डेसीबल ज्यादा रेकॉर्ड किया गया है। लालघाटी चौराहे पर दिन के समय ध्वनि प्रदूषण का स्तर 80 डेसीबल तक रेकॉर्ड हो रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने परिवहन विभाग को सड़कों पर सख्ती से कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में कलेक्टर तरुण पिथोड़े का कहना है कि मॉडीफाइ वाहनों पर मुहिम चलाने निर्देश दिए हैं। अगले माह रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी।
स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव
— 85 डेसीबल से ऊपर की आवाज में लगातार आठ घंटे से ज्यादा रहने वालों की सुनने की क्षमता स्थायी रूप से कम हो सकती है।
— कान के पास 140 डेसीबल से ऊपर की तेज आवाज कान के पर्दों को घातक नुकसान पहुंचा सकती है।
— सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। दिमागी विकास रुकने के साथ दिल धड़कने की गति पर भी असर पड़ता है।