सुबह 6 से 8.30 तक बसों की जांच
डीआईजी के निर्देश दिए के बाद अब पुलिस सुबह छह बजे से साढ़े आठ बजे तक जांच करेगी। पुलिस को शिकायत मिल रही थी चालक-परिचालक के अलावा भी स्कूल वाहनों में असामाजिक लोग सवार रहते हैं। जो बच्चों पर खराब नियति रखते हैं। इसके अलावा ड्राइवर को वाहन में अपना नाम, फोन नंबर लिखने के भी निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेशभर में स्कूल बसों के स्टाफ का वेरीफिकेशन
इधर प्रद्युम्न हत्याकांड के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों की बसों के स्टाफ का वेरीफिकेशन करना तय किया है। बुधवार को पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी व कलेक्टर्स को इसके निर्देश भेज दिए हैं। इसके तहत सभी जिलों में स्कूल बसों के ड्राइवर, कंडक्टर व हेल्पर सहित पूरे स्टाफ का पुलिस वेरीफिकेशन करेगी। हालांकि इसके पहले ही भोपाल में इस वेरीफिकेशन के निर्देश जारी हो चुके हैं। परिवहन विभाग के नियमित वेरीफिकेशन के अलावा यह स्पेशल वेरीफिकेशन पुलिस के जरिए होगा।
बच्चों का आधार अनिवार्य पर टीचर व स्टाफ का नहीं
भोपाल। राजधानी के स्कूलों में बच्चों का आधार कार्ड तो अनिवार्य कर दिया है, लेकिन स्कूल स्टाफ और टीचरों के आधार अनिवार्य नहीं किए हैं। इसमें स्कूल बस के ड्राइवर, कंडक्टर, प्यून व अन्य स्टाफ भी शामिल हैं।
स्टाफ में कौन कहां का रहने वाला है इसका एक नाम मात्र आईडी लेने के बाद ही मामले से इतिश्री कर ली जाती है। इसी का परिणाम है कि स्कूलों में बच्चे असुरक्षित हो रहे हैं और घटनाएं बढ़ रही हैं। इस काम की जांच कराने का काम जिला शिक्षा अधिकारी का होता है और जिम्मेदारी जिला प्रशासन की। जिम्मेदारों को चाहिए कि वे इन नए निर्देशों का गंभीरता से पालन कराएं ताकि किसी के घर का चिराग न बुझे। कलेक्टर सुदाम पी खाडे ने बताया कि प्रबंधन क्या करता है इसकी जानकारी नहीं है। इस मामले की जानकारी कराई जाएगी।