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महामारी में भी भोपाल की प्रगति 6 माह की बीटिया को गोद में लेकर बिजलीघर पर दे रही ड्यूटी

locationभोपालPublished: Apr 06, 2020 01:12:24 am

Submitted by:

Devendra Kashyap

भोपाल में एक बिजलीघर की कर्मचारी छह माह की बीटिया को गोद में लेकर पूरी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी कर रही है

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भोपाल. कोरोना क्राइसिस के दौरान जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग ईमानदारी से अपने काम में लगे हुए हैं। कोरोना वॉरियर्स के तौर पर पुलिसए डॉक्टर, नगर-निगम कर्मचारियों और एनजीओ की बहुत सारी तस्वीरें सामने आई हैं। जरूरी सेवाओं में बिजली भी है। निर्बाध रूप से बिजली की आपूर्ति जारी रहे, इसके लिए वहां के कर्मचारी 24 घंटे काम कर रहे हैं।
तमाम परेशानियों से जूझते हुए भोपाल में भी एक बिजलीघर की कर्मचारी छह माह की बीटिया को गोद में लेकर पूरी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी कर रही है। भोपाल के कोलार सब-स्टेशन में बेटी को गोद में लेकर ड्यूटी कर रही महिला का नाम प्रगति तायड़े हैं। यहां वह टेस्टिंग ऑपरेटर के रूप में पदस्थ है। कोरोना काल में उसकी पहचान कोरोना वॉरियर के रूप में है, जिसकी शहर में खूब चर्चा हो रही है। सुबह आठ बजे से लेकर शाम चार बजे तक प्रगति ड्यूटी पर डटी रहती है। इस दौरान मां-बेटी के चेहरे पर मास्क होता है।
सुबह 8 से शाम 4 बजे तक ड्यूटी करती हैं प्रगति तायड़े

कोलार के नयापुरा सबस्टेशन में प्रगति तायड़े 6 महीने की छोटी सी बिटिया को लेकर हर रोज ड्यूटी पर पहुंचती है। उसे पता है कि शहर में कोरोना का कितना खतरा है, अपने साथ-साथ वह बेटी की जान को भी खतरे में डाल रही है। सुबह 8 बजे लेकर शाम 4 बजे तक बेटी को संभालने के साथ ही बखूबी काम की जिम्मेदारी भी निभा रही है। वह ऐसा इसलिए कर रही है ताकि आपके घरों में अंधेरा ना हो।
गरीबों के लिए लाती है खाना

टेस्टिंग ऑपरेटर प्रगति ने कहा कि दफ्तर आते समय वह गरीबों के लिए खाना बनाकर भी लाती है। रास्ते में जो भी भूखा-प्यासा दिख जाता है, उनको बांट देती हूं। प्रगति ने कहा कि बेटी को ऑफिस लेकर आना काफी चुनौतीपूर्ण है लेकिन इसे घर में छोड़ नहीं सकती हूं।
कर्तव्य को निभा रही हूं

प्रगति ने यह भी कहा कि वह भी डॉक्टर, नर्स और पुलिसकर्मियों की तरह अपने कर्तव्य को पूरा कर रही हैं। सभी लोग विषम परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। ऐसे में मैं कैसे घर बैठ सकती हूं। इस गर्मी के मौसम में लॉक डाउन के दौरान घर रुके लोगों की किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो। इसलिए मैं ड्यूटी पर जाती हूं।
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