रविवार को सीहोर दौरे के दौरान प्रज्ञा ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कहा था कि वे लोगों की नाली और शौचालय साफ करने के लिए सांसद नहीं बनी हैं। प्रज्ञा ने भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा फोन लगाए जाने पर भी नाराजगी जताई थी।
प्रज्ञा ने भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से भी मुलाकात की है। स्वच्छा मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्रव्यापी अभियान है और वे इस अभियान से जुडऩे के लिए सासंद सहित प्रत्येक जनप्रतिनिधि को कह चुके हैं। प्रज्ञा द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की लाइन से बाहर जाकर बयान देने पार्टी का केंद्रीय संगठन खासा नाराज है और इसीलिए उन्हें बुलाकर समझाया गया है।
ओवैसी ने खोला मोर्चा- एआईएमआइएम के सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने भी प्रज्ञा के इस बयान पर मोर्चा खोला है। ओवैसी ने कहा कि प्रज्ञा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को ही चैलेंज कर रही हैं। वे बता रही हैं कि वे ऊंची जाति की हैं और जो टायलेट साफ करते हैं वो उनके बराबर नहीं है। उनकी सोच से ही साफ हो गया है कि वो जाति एवं वर्ग भेद में यकीन करती है। ऐसे कैसे न्यू इंडिया बनेगा।
गोडसे पर टिप्पणी से मोदी हुए थे नाराज-
मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का विवादों से पुराना नाता है। चुनाव के दौरान उन्होंने नाथुराम गोडसे को राष्ट्रभक्त बता दिया था। इस पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे प्रज्ञा को जीवन में कभी माफ नहीं कर पाएंगे। चुनाव में उनके द्वारा महाराष्ट्र के आइपीएस हेमंत करकरे और राम मंदिर को लेकर की गई टिप्पणी के कारण चुनाव आयोग ने नोटिस थमाते हुए उनके प्रचार पर 72 घंटे का बैन लगाया था।
मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का विवादों से पुराना नाता है। चुनाव के दौरान उन्होंने नाथुराम गोडसे को राष्ट्रभक्त बता दिया था। इस पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे प्रज्ञा को जीवन में कभी माफ नहीं कर पाएंगे। चुनाव में उनके द्वारा महाराष्ट्र के आइपीएस हेमंत करकरे और राम मंदिर को लेकर की गई टिप्पणी के कारण चुनाव आयोग ने नोटिस थमाते हुए उनके प्रचार पर 72 घंटे का बैन लगाया था।