गुजरात के कर्णावती में 11-13 मार्च के बीच हुई अभा प्रतिनिधि सभा और उत्तराखण्ड के हरिद्वार में 5-11 अप्रेल के बीच हुई प्रमुख कार्यकर्ताओं और कोर कमेटी की बैठक के मध्यभारत प्रांत भोपाल में हो रही बैठक कई मायने में अहम है। संघ में इस बात पर मंथन चल रहा है कि पिछले कुछ सालों के दरमियान कई सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर वामपंथियों की ओर से स्थापित किए गए मत, विचार या माहौल से देश की छवि पर असर पड़ा। कई बार देश विरोधी ताकतों ने हावी होने का प्रयास किया। संघ अब ऐसे अवसरों और परिस्थितियों के लिए राष्ट्रवादी प्रबुद्धजनों को आगे ला रहा है।
बैठक का विषय हिंदुत्व का वैश्विक पुनरुत्थान है। इन दिनों विश्व के विभिन्न भागों के लोग हिंदुत्व की ओर पुन: आकर्षित हो रहे हैं। हिंदू जीवन शैली का आग्रह, रुझान और पालन बढ़ता दिख रहा है। यह आकर्षण कोविड त्रासदी के बाद और तेज हो गया था। विश्व स्तर पर योग और आयुर्वेद में रुचि लेने वाले विदेशियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। अमेरिका, यूरोप समेत कई देशों के लोग इंडियन नॉलेज सिस्टम (आईकेएस) के पाठ्यक्रमों में हजारों विदेशी छात्रों और प्रोफेसरों ने प्रवेश लिया है।
– जे. नंदकुमार, अखिल भारतीय संयोजक, प्रज्ञा प्रवाह