महामाई माता मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। इस मंदिर का इतिहास नवाबी दौर का है। यहां माता रानी की प्रतिमा स्वयंभू है। रोग, बीमारी सहित अनेक प्रकार की समस्याओं को लेकर श्रद्धालु यहां आते हैं और माता रानी कष्टों से मुक्ति दिलाती हैं। महामाई का बाग स्थित यह प्राचीन मंदिर सिद्ध स्थान है।
यहां माता रानी की झांकी स्थापना का सिलसिला १९७५ में शुरू हुआ था। तब से यहां हर साल अश्विन नवरात्र में माता रानी की झांकी सजाई जाती है। आषाढ़ के महीने में भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। यह प्राचीन मंदिर रेलवे स्टेशन रोड ८० फीट रोड पर विद्यमान है। मंदिर में नीम के पेड़ के नीचे छोटी सी मढि़या में माता रानी विराजमान है।
इस क्षेत्र की पहचान इसी मंदिर के नाम महामाई का बाग के नाम से जाना जाता है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। माता रानी यहां रोग बीमारी से बचाव करती है। मंदिर के राहुल माली ने बताया कि प्राचीन मढि़या की छत का काम भी के साथ और निर्माण कार्य किए जा रहे हैं।