गृह विभाग के सचिव एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वयक मो. शाहिद अबसार ने सभी जिलों के कलेक्टर्स एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावितों को अस्थायी रूप से रखने के लिए राहत शिविर को चिह्नित किया जाए। राहत शिविरों में प्राधिकरण द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार न्यूनतम मानक निर्धारित किए जाएं।
पालन सुनिश्चित करवाएं
इन शिविर में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जाए। वर्तमान में कोरोना संक्रमण से लोगों के बचाव का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता का है। इसके साथ ही मानसून के दौरान बाढ़ की स्थिति से निपटने के इंतजाम भी करने होंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए बाढ़ इत्यादि की स्थिति बनने पर संक्रमण बचाव कार्य के तहत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कराया जाना है। उन्होंने आपदा प्रबंधन से संबंधित बिंदुओं पर 15 जून तक सभी कार्रवाई पूर्ण करने को कहा गया है।
बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों का चयन
मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों में जिले का बाढ़ जोखिम मानचित्र, प्रभावित ग्राम, पहुंचविहीन गांव तथा प्रभावित होने वाले पुल-पुलियों आदि के संभावित क्षेत्रों को निर्धारित कर लिया गया है। इसके साथ ही पिछले साल बरसात के दौरान कुछ नए क्षेत्रों में भी बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इन क्षेत्रों को भी जिला योजना में शामिल करने के लिए कहा गया है।