संभागायुक्त गुलशन बामरा ने बजट की स्वीकृति भी दे दी है। संभागायुक्त ने पीयूसी सेंटरों की नियमित मॉनीटरिंग और जांच करने के लिए आरटीओ, ट्रेफिक पुलिस, खाद्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शहर में दौड़ रहे वाहनों की नियमित जांच होती रहे, इसके लिए भी जिम्मेदारी तय कर दी है। नगर निगम अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि शहर में चल रहे निर्माण कार्यों और तोडफोड़ पर भी नियमित जांच करें। सड़कों पर नियमित मशीनों से सफाई हो। कचरा न जलाया जाए। इस प्रकार के कई छोटे-छोटे कारण मिलकर शहर की हवा प्रदूषित करते हैं।
एमपीपीसीबी के रीजनल ऑफिसर ब्रजेश शर्मा ने बताया कि शहर में दो ऑटोमेटिक रियल टाइम 5145 क्वालिटी मॉनीटरिंग सिस्टम लगने के बाद इनकी संख्या तीन हो जाएगी। इसके लिए ऐसे स्थान का चयन किया जाता है जहां बाहनों की आवाजाही ज्यादा रहती है। उन्होंने बताया कि कुछ समय से नगर निगम की तरफ से कचरा जलाने पर कंट्रोल किया है, इस कारण शहर की एक्यूआई में कुछ सुधार है।
रियल टाइम मॉनीटरिंग सिस्टम बढने से शहर के बढ़ते प्रदूषण पर और लगाम कसी जाएगी। जैसे ही एक्यूआई 200 या इससे ऊपर जाता है तो वो सेहत के लिए ठीक नहीं होता। शहर में वायु प्रदूषण की जांच सात जगह होती है, टीटी नगर में ऑटोमेटिक, पर्यावरण परिसर, गोविंदपुरा, मृगनयनी, होशंगाबाद रोड, बेरागढ़, कोलार रोड पर मेन्युअली। दो ऑटोमेटिक सेंटर बढने से संख्या नौ हो जाएगी।