बिगड़ सकता है बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट, नए पैटर्न के हिसाब से नहीं बचा तैयारियों का समय
बोर्ड ने नबंवर में तय किया सलेबस और दिसंबर में की पैटर्न बदलने की घोषणा

भोपाल. माध्यमिक शिक्षा मण्डल की ओर बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के पैटर्न को बदलने का निर्णय 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों पर भारी पड़ सकता है। बोर्ड ने कटौती के बाद नवम्बर में सिलेबस तय किया तो दिसम्बर में परीक्षा पैटर्न बदलने की घोषणा कर दी। परीक्षाओं में लगभग तीन महीने का समय बचा है, ऐसे में विद्यार्थियों को नए पेटर्न के अनुसार तैयारी करने का समय नहीं मिल पाएगा।
इससे बोर्ड का रिजल्ट बिगड़ सकता है। बाल आयोग ने इस सम्बंध में संज्ञान लेते हुए सरकार को पत्र लिखने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के पैटर्न में बदलाव करते हुए तय किया है कि, दीर्घउत्तरीय प्रश्नों के बजाए लघु उत्तरीय प्रश्न अधिक रहेंगे। वहीं बहुविकल्पीय प्रश्न भी पूछे जाएंगे। तार्किक प्रश्नों की संख्या भी बढ़ाई जाएंगी। ऐसा होने से अलग-अलग पाठों से आने वाले नम्बरों का गणित गड़बड़ा गया है।
पहले यह तय होता था कि किस पाठ से पांच, किससे तीन नम्बर के सवाल आएंगे। ऐसे में शिक्षक लघु और दीर्घउत्तरीरय प्रश्नों का अंदाजा लगाकर उसके अनुसार विद्यार्थियों की तैयारी कराते थे। दीर्घउत्तरीय प्रश्न हटने के बाद अंकों का गतिण गड़बड़ा गया है। बोर्ड ने 22 दिसम्बर को नया ब्लू प्रिंट जारी किया है, पर विद्यार्थियों के पास इसे समझने और इसके अनुसार तैयारी करने का समय नहीं बचा है। नए पेटर्न से प्रश्न पत्र सेट हुए तो बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के सामने समस्या खड़ी हो सकती है।
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