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मिट्टी के गोलों में जहर देकर मछली मारने वाली संस्था को फिर से पट्टा देने की तैयारी

locationभोपालPublished: Oct 22, 2021 10:04:38 pm

– संभागायुक्त बोले 5 सदस्यीय कमेटी बनाई है, लोगों का आरोप दबाव में दे रहे उसी संस्था को ठेका, 10 साल का है

मिट्टी के गोलों में जहर देकर  मछली मारने वाली संस्था को फिर से पट्टा देने की तैयारी

संभागायुक्त बोले 5 सदस्यीय कमेटी बनाई है, लोगों का आरोप दबाव में दे रहे उसी संस्था को ठेका, 10 साल का है

भोपाल. छोटे तालाब में मछली पकडऩे के लिए दिए जा रहे पट्टे को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। इसके पीछे वजह ये है कि जिस संस्था को पट्टा देने की चर्चा चल रही है, वह पूर्व में विवादित रह चुकी है। मछली मारने या पकडऩे के लिए जहरीले गोले तक पानी में मिलाए जाते रहे हैं। इन गोलों की रिपोर्ट मई 2020 में लखनऊ लैब से मिली इसके बाद केस एनजीटी में गया। पीसीबी की तरफ से इन पर 30 लाख 60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जिसकी वसूली अभी तक नहीं हुई, विशेषज्ञों ने इस गतिविधि से छोटे तालाब को नुकसान होना भी बताया है। नितिन बाथम का आरोप है कि ये ठेका मिलीभगत कर दिया जा रहा है। अगर इस बार भी उसी संस्था को ठेका जाता है तो वह एक बार फिर से मनमानी करेगी और बड़े तालाब का भूजल स्तर और गिरेगा। दरअसल मिट्टी के गोलों में लेड आर्सेनिक और मरक्यूरि केमिकल की पुष्टि हुई थी। इन केमिकल से युक्त मिट्टी के गोले पानी में जाने स

ये कहता है सोसायटी का नियम

मत्स विभाग की कॉपरेटिव सोसायटी को प्राथमिकता के आधार पर इसलिए पट्टे दिए जाते हैं। कि छोटी समितियां अपना पालन पोषण कर सके, लेकिन किसी बड़ी समिति या बिचौलिया इसे पटटे पर नहीं ले सकते। लेकिन इस समिति के कई जिलों में काम बड़े काम हैं। ऐसे में ये समिति पूर्व से ही इस पट्टे के लिए उपयुक्त नहीं है।

वर्जन

पट्टे को लेकर जो विवाद है उसे दूर करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई है। उनकी जो रिपोर्ट आएगी उस आधार पर ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। उससे पहले कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।
कवींद्र कियावत, संभागायुक्त

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