सिंह ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के लिए नगरीय निकाय और पंचायत निर्वाचन महत्वपूर्ण होते हैं। आयोग का गठन वर्ष 1994 में हुआ है। यह स्वायत्त संस्था है। आयोग लगभग 4 लाख पदों के लिए निर्वाचन करवाता है। इसमें महापौर, अध्यक्ष, पार्षद, जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य, सरपंच और पंच के पद शामिल हैं। ब्रीफिंग सत्र में आयोग में अवर सचिव प्रदीप शुक्ला ने नगरीय निकायों की चुनाव प्रक्रिया की जानकारी दी। अपर सचिव राजेश यादव ने ईव्हीएम और दीपक नेमा ने निर्वाचन से संबंधित विभिन्न आईटी एप्लीकेशन की जानकारी दी।
प्रदेश में होने हैं पंचायत चुनाव
बता दें कि मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव 2019 में होने के लास्ट में होने थे लेकिन नहीं हो पाए थे। उसके बाद मार्च में मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया। माना जा रहा है कि अब दिसंबर या जनवरी में प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं।