पुरानी पेंशन योजना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख कर राजस्थान सरकार की तरह पुरानी पेंशन बहाली की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि राजस्थान सरकार ने की तरह मध्य प्रदेश सरकार को भी पुरानी पेंशन को बहाल करना चाहिए। पुरानी पेंशन बहाली से प्रदेश सरकार के कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर निश्चिंत हो सकेंगे।
कमलनाथ ने लिखा है कि 1 जनवरी 2005 से लागू नई पेंशन योजना से कर्मचारी अपन भविष्य को लेकर सहमत हैं। वह लगातार सरकार से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग करते रहे हैं।
वही 13 मार्च को कर्मचारी संगठन कलियासोत ग्राउंड नेहरू नगर भोपाल में पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रदर्शन करेंगे। दोनों पड़ौसी राज्यों में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलने के बाद प्रदेश सरकार पर इसे लागू करने का दबाव बढ़े लगा है। पुरानी पेंशन बहाली संघ के मुताबिक प्रदेश में 1 जनवरी 2005 से जिन कर्मचारियों की नियुक्त हुई थी उनके लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बंद कर दी गई थी और नई पेंशन योजना लागू की गई है।
नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर हर माह 800 से 1 हजार तक पेंशन मिलती है। इतनी कम पेंशन में कर्माचारी कैसे गुजारा करेंगे इसीलिए कर्मचारी संगठन सरकार से लगातार पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी के कुल वेतन से 10 पीसदी और शासन की ओर से 12 फीसदी राशि जमा की जाती है। इस पूरी राशि को शेयर मार्केट में इंवेस्ट किया जाता है। इसीलिए कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट पर निर्भर हो गया है और रिटायरमेंट के समय शेयर मार्केट में जमा कुल राशि का 60 फीसदी कर्मचारी को नकद दिया जाता है तथा शेष 40 फीसदी जमा राशि के ब्याज से प्राप्त राशि को पेंशन के रूप में कर्मचारी को मिलेगी।