दरअसल सामने आ रही जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश की राजधानी सहित गुना, अशोकनगर सहित विभिन्न जिलों में ही नहीं देश के कई राज्यों में भी इन दिनों डेंगू के केस आ रहे हैं। जिनमें से कुछ पॉजीटिव भी पाए गए हैं।
इस बारे में डॉ. राजकुमार का कहना है कि मौसम बदलते ही थोड़ी सी लापरवाही हमें डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का शिकार बना देती है। ये सभी बीमारियां मच्छर के काटने से होती हैं। अधिकांश लोग अक्सर घरों से इन्हें भगाने के लिए मच्छर मारने वाली कॉइल या मास्किटो रिपलेंट का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसमें मौजूद केमिकल व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं।
इनसे निकलने वाला धुआं व्यक्ति के नाक से होकर फेफड़ों तक पहुंचकर उसे नुकसान पहुंचाता है। आयुर्वेद के डॉक्टर राजकुमार का कहना है कि कुछ ऐसे घरेलू उपाय हैं जो बिना नुकसान पहुंचाए आपको मच्छरों से झटपट छुटकारा दिला सकते हैं।
मच्छर छू भी नहीं पाएंगे आपको…
1. तेजपत्ता: डॉक्टर राजकुमार के अनुसार मच्छर भगाने के साथ-साथ तेजपत्ता हमारे दिमाग के लिए भी बेहद अच्छा होता है। इससे आने वाली खुशबू न सिर्फ सिरदर्द दूर करती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बनाएं रखती है।
सबसे पहले एक कटोरी में नीम का तेल डालकर उसमें एक चम्मच कपूर अच्छे से मिलाएं। इसके बाद रूई की मदद से तेजपत्ते पर इस तेल को लगाकर तेजपत्ते को जला दें। आप देखेंगे कि ये उपाय मात्र 15 सेकेंड में ही ये आपके कमरे से मच्छरों का सफाया कर देगा।
2. तुलसी का रस : शरीर पर तुलसी के पत्तों का रस लगाने से मच्छर नहीं काटते हैं। घरों में लगा तुलसी का पौधा मच्छरों को दूर रखता है।
3. नीम का तेल : नीम के तेल को हाथ-पैरों पर लगाएं या फिर इसके अलावा नारियल के तेल में नीम का तेल मिलाकर घर पर उसका दीया जलाएं।
4. नींबू-नीलगिरी का तेल : मच्छर भगाने वाली रिफिल में लिक्विड खत्म हो जाने पर उसमें नींबू का रस और नीलगिरी का तेल भरकर लगाएं। इस तेल को हाथ-पैरों पर भी लगा सकते हैं।
5. कपूर : कमरे में कपूर जला दें और 10 मिनट के लिए खिड़की और दरवाजों को बंद कर दें। आप पाएंगे कि सारे मच्छर भाग गए।
ऐसे बालकनी तक में नहीं आएंगे रोकें…
मान लीजिए सुहावनी शाम को आप बालकनी में बैठे हो और तभी वहां पहले से मौजूद मच्छर आपका मजा किरकिरा कर दें, तो आपको गुस्सा आएगा लेकिन साथ ही आप उस सुहावनी शाम का लुत्फ उठाने की बजाय वापस जाना ही बेहतर समझेंगे…और अभी कुछ समय पहले ही तो बारिश गई है, यह वहीं मौसम है जब डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मच्छर सबसे ज्यादा होता है।
यदि आपके साथ ही ऐसा ही होता है, तो इनसे निपटने के लिए घर की बालकनी में पांच पौधे लगाएं और आराम से सुहावनी शाम व मौसम का मजा लें।
जानिये कौन से हैं ये पौधे…
1. रोजमेरी : रोजमेरी अपने आप में एक प्राकृतिक मॉस्किटो रिप्लीयन्ट है। रोजमेरी के पौधे 4-5 फीट लंबे होते हैं और इनके फूलों का रंग नीला होता है। मच्छरों से बचने के लिए रोजमेरी मॉस्किटो रिप्लीयन्ट की 4 बूंदों को 1 चौथाई जैतून के तेल के साथ मिलकर भी लगाया जा सकता है।
2. तुलसी : तुलसी का पौधा भी एक मॉस्किटो रिप्लीयन्ट है। तुलसी एक ऐसी जड़ी बूटी है जो कि अपने आप ही अपनी खुशबु फैलाती है। मच्छरों को दूर रखने के लिए तुलसी को गमले में उगाकर बालकनी में रखें।
3. सिट्रोनेला ग्रास : सिट्रोनेला ग्रास मच्छरों को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है। यह 2 मीटर तक बढ़ती है और इसके फूलों का रंग लॅवेंडर होता है। इस ग्रास से निकलने वाला सिट्रोनेला ऑयल मोमबत्तियों, परफ्यूम्स, लैम्प्स आदि हर्बल प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि सिट्रोनेला ग्रास डेंगू पैदा करने वाले एडीज एजिप्टी मच्छरों को भी आपसे दूर रखने में मदद करती है।
4. लैवेंडर : मच्छरों को दूर रखने के लिए लैवेंडर सबसे शानदार पौधा है। लैवेंडर आसानी से उग जाता है और इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत भी नहीं पड़ती है। यह पौधा 4 फीट तक उगता है। केमिकल फ्री मॉस्किटो सोल्युशन बनाने के लिए लैवेंडर ऑयल को पानी में मिलाकर सीधे स्किन पर लगा सकते हैं।
5. गेंदा : गेंदें के फूलों में पाई जाने वाली गंध मक्खी- मच्छरों को पसंद नहीं होती है। ये पौधे 6 इंच से 3 फीट तक बढ़ते हैं। गेंदें के पौधे अफ्रीकन और फ्रेंच दो तरह के होते हैं ये दोनों ही मॉस्किटो रिप्लीयन्ट हैं। गेंदे के फूल पीले से डार्क ऑरेंज और लाल रंग के होते हैं।