25 हजार वोल्ट करंट से संचालित होगी ट्रेन
एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार सौर ऊर्जा से लाइट, पंखा तो चलता ही है। कार्यालयों में इसका प्रयोग होने लगा है। उससे ट्रेन की गतिविधियों को संचालित करना। सौर ऊर्जा को ट्रांसफार्मर में बदल कर इतनी बिजली सप्लाई की जा सकती है। जिससे गति प्रभावित किए बिना ही ट्रेन का इंजन चलता रहे। करीब 25 हजार वोल्ट के बिजली करंट से ट्रेन संचालित होगी। इतनी बिजली सौर ऊर्जा से ही दी जा सकती है। इस लिए मेट्रो जिन तकनीको को अपना रहा है। उससे बेहतर तकनीक और तरीकों को रैपिड रेल में प्रयोग किया जाएगा।
वल्र्ड बैंक ऑफ इंडिया के ट्रिवटर हैंडल
वल्र्ड बैंक ऑफ इंडिया के ट्रिवटर हैंडल में इसी साल चार जून को दी गई जानकारी के अनुसार 60 फीसदी दिल्ली मेट्रो का संचालन सौर्य ऊर्जा से होता है। दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन 373 किमी सौर ऊर्जा से चलती है। दिल्ली मेट्रो को वह सौर ऊर्जा मध्य प्रदेशके रीवा स्थित मेगा सोलर प्लांट से मिलता है।