चंबल एक्सपे्रेस वे का निजी एजेंसी बनाएगी डेवलपमेंट मॉडल, टाउनशिप-जोन होंगे तय
भोपालPublished: Oct 26, 2021 08:57:36 pm
———————- जनवरी तक मॉडल क्रियान्वन होगा शुरू, दिसंबर तक निजी जमीन अधिग्रहण का लक्ष्य———————-
भोपाल। प्रदेश में चंबल एक्सप्रेस वे यानी अटल प्रोग्रेस वे को तेजी से बनाने के लिए सरकार ने कदमताल शुरू की है। इसके तहत सरकार निजी एजेंसी के जरिए एक्सप्रेस वे का पूरा डेवलपमेंट मॉडल तैयार करा रही है। इसमें निजी एजेंसी पूरा आकलन करके बताएगी कि एक्सप्रेस वे पर कहां-क्या बनना चाहिए। इसमें कहां पर टाउनशिप लाई जाए, कहां पर इंड्रस्टियल जोन बने और कहां पर अन्य गतिविधियां लाई जाए इसका पूरा खाका तैयार होगा।
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राज्य सरकार चंबल एक्सप्रेस वे पर तेजी से काम करना चाहती है, इस कारण निजी एजेंसी के जरिए इसका मॉडल बनवाना तय किया गया है। सरकार इस एक्सप्रेस वे के दोनों ओर औद्योगिक कॉरीडोर बनाना चाहती है। वजह ये कि यह कॉरीडोर राजस्थान और उत्तरप्रदेश से सीधे कनेक्ट हो पाएगा। इसमें दिल्ली और उत्तरप्रदेश की अनेक कंपनियों ने रूचि दिखाई है। इसलिए सरकार यह बेस प्लान तैयार करा रही है कि इस एक्सप्रेस वे में कहां पर आबादी बसाई जाए और कहां पर इंड्रस्टियल डेवलपमेंट किया जाए। इसी हिसाब से सरकार एक्सपे्रेस वे पर जमीन आरक्षित करके बेसिक ढांचा तैयार करेगी। इसके अलावा इस कॉरीडोर पर इंटरटेनमेंट जोन, ट्रांसपोर्ट जोन व कनेक्ट स्पॉट, शॉपिंग मॉल्स, बडे होटल और पर्यटन गतिविधियों को भी प्लान किया जाएगा। इसके सारे स्पॉट निजी एजेंसी वर्कआउट करके देगी, जिसके बाद सरकार की टीम उन स्थानों का निरीक्षण करके मैदानी क्रियान्यन की स्थिति को जांचेगी। इसके बाद डेवपलमेंट प्रोजेक्ट को मंजूर किया जाएगा।
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ये है प्राथमिकता का कारण-
दरअसल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद से सरकार की प्राथमिकता में चंबल एक्सप्रेस वे है। सिंधिया खुद इसमें बार-बार अपडेशन लेते हैं। इसके चलते सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी इस प्रोजेक्ट को अपनी प्राथमिकता पर रखा है। शिवराज ने अफसरों को लक्ष्य बनाकर इस प्रोजेक्ट को तय सीमा में करने के लिए निर्देश दिए हैं। सरकार की मंशा है कि २०२३ के विधानसभा चुनाव के पहले चंबल एक्सप्रेस वे का पूरा बेस प्रोजेक्ट क्रियान्वित कर दिया जाए, ताकि चुनाव में सरकार इसे विकास का मॉडल बनाकर पेश कर सके। इसलिए इस प्रोजेक्ट को लेकर सरकार बडी तेजी से काम कर ही है। इसी कारण निजी जमीन अधिग्रहण के लिए दिसंबर २०२१ का लख्य रखा गया है। इसके बाद अधिग्रहण की बाकी रस्मअदायगी पूरी करके प्रोजेक्ट को शुरू किया जा सकेगा।
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ये है चंबल एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट
चंबल एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट के तहत मध्यप्रदेश में 313 किमी यह एक्सप्रेस वे बनना है। यह राजस्थान, मप्र और उत्तरप्रदेश को कनेक्ट करेगा। यह कॉरीडोर श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले से होकर गुजरेगा। इसमें कुल 3093 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है, जिसमें से 1300 हैक्टेयर निजी जमीन दिसंबर तक अधिग्रहित करने का लक्ष्य रखा गया है।
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