नगर निगम के सिटी इंजीनियर प्रोजेक्ट ओपी भारद्वाज ने इस सुलभ कॉम्पलेक्स को बनाने की प्रक्रिया पूरी की। यहां निगम को गणेश नगर के पास की बस्ती और जनसुविधा के लिए सुलभ बनवाना था। भारद्वाज ने खाली पड़े प्लॉट को सरकारी समझते हुए यहां सुलभ बनवा दिया। निर्माण के दौरान ही प्लॉट मालिक इसे रोकने की कोशिश की, लेकिन नहीं रुका। हालांकि कई लोगों का मानना है कि सार्वजनिक हित के ऐसे निर्माण के लिए निजी लोगों से इस तरह जमीन ली जा सकती है। फिलहाल पूरे मामले की पटकथा लिखने वाले इंजीनियर भारद्वाज शहर से बाहर है। अपर आयुक्त एमपी सिंह इसे दिखवाने की बात कह रहे हैं।
निजी लोग जमीन दें तो जनता को मिले लाभ
कोलार में हॉकर्स कॉर्नर या पार्क के लिए सरकारी जमीन नहीं है। यहां पूरी जमीन सरकारी है। लोगों को कहना है कि निगम को ऐसी कवायद करना चाहिए कि निजी जमीन इस तरह के कामों के लिए देने लोग आए। बीआरटीएस निर्माण के दौरान कमला पार्क और बैरागढ़ की और निगम को कुछ लोगों ने निजी जमीन दी थी।
निगम ने यहां निजी जमीन पर बनाए सुलभ
– लालघाटी चौराहे के पास निगम ने एक निजी जमीन पर सुलभ बना दिया, बाद में पता चला तो इसे हटाना पड़ा
– दस नंबर पर भी निजी ने शौचालय निजी जमीन पर रखवा दिए थे, काफी विरोध हुआ
– कोलार रोड किनारे स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के दौरान निजी प्लॉट पर मॉड्यूलर टॉयलेट रखवा दिए थे, सर्वेक्षण के बाद प्लॉट मालिक ने आपत्ति दर्ज कराई तो ये हटाना पड़ा।