पालक महासंघ के अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा ने बताया कि, शिक्षा विभाग के पोर्टल पर स्कूलों की जो संख्या दिखाई जा रही है वह गलत है, स्कूलों ने फीस की आधी-अधूरी जानकारी दी है। इसकी जांच कराई जाना चाहिए। स्कूल न केवल ट्यूशन फीस के अतिरिक्त अन्य मदों में फीस ले रहे हैं बल्कि ऑनलाइन क्लासेज बंद करके सभी विद्यार्थियों को स्कूल आने को मजबूर कर रहे हैं, जबकि ऑनलाइन क्लास जारी रखकर विकल्प देने और कोरोना काल में ट्यूशन फीस ही लिए जाने के स्पष्ट निर्देश हैं। महासंघ ने कलेक्टर से मांग की है कि स्कूलों की मनमानी की शिकायत करने, वसूली गई फीस में गड़बड़ी को रिपोर्ट करने के लिए एक टोल फ्री नम्बर जारी किया जाना चाहिए, साथ ही शिकायत करने वाले का नाम गोपनीय रखा जाना चाहिए जिससे स्कूलों की गड़बड़ी बिना दबाव सामने आ सके और निष्पक्ष जांच हो सके।