इस रेस में पहले से ही मध्यप्रदेश कांग्रेस के दो दिग्गज नेता शामिल थे। अब एक नया नाम गांधी परिवार से जुड़ गया है। यह चर्चा तेज हो गई है कि अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश से राज्यसभा जा सकती हैं। अगर प्रियंका राज्यसभा जाती हैं तो पहले से जो दो दावेदार हैं, उनमें से किसी एक का पत्ता कट सकता है। अगर दोनों दावेदारों में से किसी एक का पत्ता कटा तो अंदरुनी कलह और बढ़ने की संभावना है।
अप्रैल में खाली हो रही हैं तीन सीटें
मध्यप्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटें अप्रैल में खाली हो रही हैं। जिसमें दो बीजेपी कोटे हैं और एक कांग्रेस से। कांग्रेस दिग्विजय सिंह की सीट खाली हो रही है। बदले सियासी हालात में अब जो समीकरण बन रहे हैं, उसके अनुसार इस बार दो सीटें कांग्रेस के खाते में जा सकती हैं। लेकिन दूसरी सीट तब कांग्रेस के खाते में आसानी जा सकती है, जब उस पर बीजेपी कोई उम्मीदवार नहीं उतारे।
मध्यप्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटें अप्रैल में खाली हो रही हैं। जिसमें दो बीजेपी कोटे हैं और एक कांग्रेस से। कांग्रेस दिग्विजय सिंह की सीट खाली हो रही है। बदले सियासी हालात में अब जो समीकरण बन रहे हैं, उसके अनुसार इस बार दो सीटें कांग्रेस के खाते में जा सकती हैं। लेकिन दूसरी सीट तब कांग्रेस के खाते में आसानी जा सकती है, जब उस पर बीजेपी कोई उम्मीदवार नहीं उतारे।
Congress party” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2020/02/15/scindia_2_5791445-m.jpg”>दो गुट के लोगों ने किया स्वागत
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश से राज्यसभा जाएंगी। जब से यह सुगबुगाहट तेज हुई है, सिंधिया विरोधी दो गुट की बांछें खिल गई हैं। कमलनाथ कैबिनेट में शामिल मंत्रियों ने इसका दिल खोलकर स्वागत किया है। कथित रूप से दिग्विजय खेमे के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने सोमवार को कहा कि प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि दिखाई देती है। यदि वे प्रदेश से राज्यसभा जाएंगी तो हमारे लिए सौभाग्य की बात होगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश से राज्यसभा जाएंगी। जब से यह सुगबुगाहट तेज हुई है, सिंधिया विरोधी दो गुट की बांछें खिल गई हैं। कमलनाथ कैबिनेट में शामिल मंत्रियों ने इसका दिल खोलकर स्वागत किया है। कथित रूप से दिग्विजय खेमे के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने सोमवार को कहा कि प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि दिखाई देती है। यदि वे प्रदेश से राज्यसभा जाएंगी तो हमारे लिए सौभाग्य की बात होगी।
दिग्विजय सिंह के बेटे और मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि उनका नेतृत्व पूरे देश के लिए जरूरी है। वे प्रदेश से राज्यसभा के लिए जाती हैं तो बहुत खुशी होगी। इसके साथ ही कमलनाथ खेमे के मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि प्रियंका का प्रदेश से राज्यसभा जाना राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। दूसरे मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को अजा-अजजा वर्ग से विशेष प्रेम था। इनके लिए उन्होंने कई काम किए प्रदेश में इन वर्गों की बड़ी संख्या है। प्रियंका को प्रदेश से राज्यसभा भेजा जाए, ताकि प्रदेश की राजनीति में नया संचार हो सके।
दूसरी सीट पर है लड़ाई
दरअसल, एक राज्यसभा सीट के लिए 58 विधायकों की आवश्यकता होती है। प्रदेश में दो विधायकों के निधन के बाद 228 विधायक हैं। इस आधार पर 57 विधायक एक राज्यसभा सदस्य का चुनाव करेंगे। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, जबकि एक निर्दलीय विधायक सरकार में मंत्री हैं। इस तरह कांग्रेस के पास 115 विधायक हैं। तीन निर्दलीय, दो बसपा विधायक और एक सपा विधायक का समर्थन भी सरकार को प्राप्त है। भाजपा के पास से 107 सीट है। ऐसे में दूसरी सीट कांग्रेस के लिए आसान नहीं है।
दरअसल, एक राज्यसभा सीट के लिए 58 विधायकों की आवश्यकता होती है। प्रदेश में दो विधायकों के निधन के बाद 228 विधायक हैं। इस आधार पर 57 विधायक एक राज्यसभा सदस्य का चुनाव करेंगे। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, जबकि एक निर्दलीय विधायक सरकार में मंत्री हैं। इस तरह कांग्रेस के पास 115 विधायक हैं। तीन निर्दलीय, दो बसपा विधायक और एक सपा विधायक का समर्थन भी सरकार को प्राप्त है। भाजपा के पास से 107 सीट है। ऐसे में दूसरी सीट कांग्रेस के लिए आसान नहीं है।
किसका कटेगा पता
अगर सब कुछ अनुकूल रहा तो मध्यप्रदेश से राज्यसभा की दो सीटें कांग्रेस के पास आएगी। एक सीट पर पहले से ही दिग्विजय सिंह काबिज हैं। दिग्विजय सिंह चाहते हैं कि वो फिर से राज्यसभा जाएंगी। दूसरी सीट पर सिंधिया अपनी दावेदारी जता रहे हैं। चर्चा यह भी है कि कमलनाथ किसी और को एक सीट पर भेजना चाहते हैं। ऐसे में पहले से भी यह मुश्किल थी कि दोनों में से किसी एक का पता कट सकता है। लेकिन प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश से राज्यसभा जाती हैं तो ये तय है कि सिंधिया और दिग्विजय सिंह में से किसी एक का पता कट सकता है। अगर कमलनाथ अपनी पसंद पर अड़े तो फिर दोनों दिग्गजों के लिए राज्यसभा का दरवाजा बंंद हो सकता है।
प्रियंका के नाम पर खुलकर कोई नहीं कर पाएगा विरोध
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अगर प्रियंका के नाम पर मुहर लगाती हैं तो खुले तौर पर कोई दिग्गज विरोध नहीं कर सकता है। दिग्विजय सिंह भी गांधी परिवार के नजदीक है। जबकि सिंधिया भी प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के करीबी हैं। यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया पश्चिमी यूपी के प्रभारी थे जबकि प्रियंका गांधी पूर्व यूपी की प्रभारी थीं। ऐसे में दोनों के बीच ट्यूनिंग काफी अच्छी है। पार्टी मीटिंग के दौरान भी दोनों की नजदीकियां देखने को मिली हैं।
कांग्रेस में और बढ़ेगी कलह
प्रियंका गांधी अगर मध्यप्रदेश से राज्यसभा जाती हैं तो ऐसा नहीं है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस में अंदरुनी खींचतान खत्म हो जाएगी। प्रियंका जाती हैं तो सिंधिया या दिग्विजय सिंह में से कोई एक ड्रॉप होगा। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस में कलह और बढ़ जाएगी। साथ ही शह मात का खेल भी शुरू हो जाएगा। क्योंकि सिंधिया और दिग्विजय के समर्थक चाहते हैं कि उनके आका राज्यसभा जाएं।
सिंधिया की चाहत
वहीं, सिंधिया खेमे के लोग यह चाहते हैं कि प्रदेश कांग्रेस की कमार ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथों में है। इसे लेकर उनके समर्थक मंत्री और नेता मुखर होकर मन की बात कर रहे हैं। साथ ही राज्यसभा के लिए अच्छे उम्मीदवार भी बता रहे हैं। इशारों-इशारों में यह संकेत देने की कोशिश है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ-साथ राज्यसभा भी भेजा जाए। सिंधिया खुद भी अब खुलकर कमलनाथ की सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं।
आसान नहीं है सिंधिया की राह
सियासी जानकार यह भी कहते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सिंधिया की ताजपोशी हो, मध्यप्रदेश में न तो दिग्विजय सिंह चाहते हैं और न कमलनाथ। ऐसे में सिंधिया समेत उनके खेमे के दूसरे नेता बयानों के जरिए लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सवाल है कि अगर सिंधिया के न राज्यसभा भेजा जाए और न ही प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपा जाए तो क्या वह शांत रहेंगे। क्योंकि वह भी मध्यप्रदेश में दखल चाहते हैं और प्रदेश की राजनीति से दूर नहीं होना चाहते। ऐसे में आने वाले कुछ दिनों में कांग्रेस में कलह और बढ़ सकती है।