scriptशादी, समारोह, मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू होने से बढ़ा फूलों का उत्पादन | Production of flowers increased due to marriage, ceremony, worship in | Patrika News

शादी, समारोह, मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू होने से बढ़ा फूलों का उत्पादन

locationभोपालPublished: Nov 24, 2021 10:37:26 pm

Submitted by:

Ashok gautam

– पिछले डेढ़ सालों में घट गया था आठ से दस हजार मीट्रिक टन फूलों का उत्पादन और खेती भी
– कोरोना संक्रमण से फूलों का कारोबार पूरी तरह से समाप्त हो गया था

गोविंद राम मेघवाल ने कार्यभार संभाला

गोविंद राम मेघवाल ने कार्यभार संभाला

भोपाल। कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम होने के बाद धीरे-धीरे बाजार फिर से पटरी पर आ रहा है। आठ माह पहले शादी, समारोह, मंदिरों में पूजा अर्चना की अनुमति मिलने से फूलों की मांग बढ़ गई है। इसके चलते किसानों ने वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में 8 हजार 7 सौ मीट्रिक टन से अधिक फुलों का उत्पादन बढ़ाया है। इसमें अस्सी फीसदी फूलों की खपत बाजार में भी हुई है, जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा छमाही में ही चार हजार के पार पहुंच गया है।
कोरोना संक्रमण से फूलों का कारोबार पूरी तरह से समाप्त हो गया था। किसनों ने इसकी खेती भी करना करीब-करीब बंद कर दिया था, गुलाब, सेवंती, रजनीगंध जैसे जिन फूलों की खेती तीन से चार साल में एक बार होती है, उन्हीं भर को किसान जिंदा रखे हुए थे।
बांकी के फूलों की खेती को नष्ट कर दिया था और नई खेती भी पिछले डेढ़ सालों में किसानों ने नहीं की थी। कोरोना संक्रमण में कमी और त्यौहारों और कार्यक्रमों में ढील मिलने से फूलों की मांग बाजार में धीरे-धीरे बढ़ती गई। वर्तमान में फूलों का कारोबार अब पूर्व की तरफ पटरी पर आ गया है।


सबसे ज्यादा मांग गेंदा के फूलों की
फूलों में सबसे ज्यादा मांग प्रदेश में गेंदा की है। प्रदेश में गेंदा के फूल की प्रति वर्ष दो लाख टन उत्पादन होता है। इसके बाद दूसरे नम्बर पर सेवंती और रजनीगंधा के फूलों का उत्पादन है। सबसे ज्यादा फूल उत्पादन और खेती भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सतना जिले में होता है। इसके अलावा बड़े शहरों के आस-पास और धार्मिक स्थलों के जिलों में फूलों की खेती की जाती है।

गुलाब, झरवेरा को बढ़ावा
किसानों को गुलाब, झरवेरा सहित अन्य महंगे फूलों की खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके अलावा किसानों को उन्नत किस्म के फूलों के पौधे, कलम और बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। फूलों की खेती के लिए सरकार सब्सिडी भी किसानों को देती है और उन्हें खेती की तकनीकी सहायता भी उपलब्ध कराती है।

वर्ष –2018 सभी तरह के फूलों का उत्पादन
क्षेत्रफल हेक्टेयर में –31477.86
उत्पादन मीट्रिक टन में –387872.53
——-
वर्ष –2019 सभी तरह के फूलों का उत्पादन
क्षेत्रफल हेक्टेयर में –29834.02
उत्पादन मीट्रिक टन में –355090.95
—-
वर्ष –2020 सभी तरह के फूलों का उत्पादन
क्षेत्रफल हेक्टेयर में –30799.31
उत्पादन मीट्रिक टन में –363832
—–
वर्ष –2021 छमाही रिपोर्ट के अनुसार सभी तरह के फूलों का उत्पादन
क्षेत्रफल हेक्टेयर में –35554.76
उत्पादन मीट्रिक टन में –411020.62
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो