लेकिन जब पूछताछ करने वाली टीम ने उन्हें दस्तावेज दिखाकर जवाब मांगा तो कई बार उन्होंने कहा कि फाइल दे दिजिए घर पर इसका अध्ययन करुंगा और तैयारी करके जवाब दे दूंगा। कुठियाला के इस तरह के हास्यास्पद जवाबों से ईओडब्ल्यू की टीम भी हैरान हो उठती है। कुठियाला अब तक दो दर्जन से अधिक सवालों के जवाब देने के लिए ईओडब्ल्यू के पास मौजूद दस्तावेज/फाइल मांग चुके हैं।
उनका तर्क है कि मेरे पास इन सवालों से संबंधित जवाब नहीं है या मौखिक याद नहीं है। नियम देखकर ही इनका जवाब दिया जा सकेगा, इसलिए जांच टीम के पास जो फाइल है, उसकी एक कॉपी दे दी जाए ताकि वे इसका जवाब तैयार करके ला सके। कुठियाला के इस तर्क पर पूछताछ करने वाली टीम उन्हें अगली बार तैयारी करके आने के लिए कहती हैं, लेकिन जब उनसे सवाल पूछा जाता हैं तो वे निरुत्तर हो जाते हैं।
इन विषयों पर नहीं दे पा रहे जवाब
कुठियाला के कार्यकाल में की गई नियुक्तियों व भर्ती में अपनाई गई प्रक्रिया, महापरिषद का अनुमोदन, किन नियमों के तहत नियुक्तियां दी, नियम शिथिल करके खोले गए अध्ययन केंद्रों की उपयोगिता, शराब पीने के बिल केश करवाने, विवि के पैसों से मोबाइल फोन और लैपटॉप खरीदना और बाद में विवि में जमा नहीं करवाना, सवा करोड़ रुपए में चार किताबें छपवाना, आरएसएस से जुड़ी संस्थाओं को विवि के खाते से पैसे का भुगतान करना आदि कई ऐसे सवाल हैं, जिनका वे जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
इधर, ईओडब्ल्यू भी कुठियाला की तबीयत का ख्याल रखते हुए दबाव से पूछताछ नहीं कर रही है। बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान कुठियाला से जैसे ही लगातार कुछ ऐसे सवाल पूछ लिए जाते हैं, जिनका उनके पास कोई जवाब नहीं हैं ऐसी स्थिति में कुठियाला खुद को असहज महसूस करने लग जाते हैं। इससे ईओडब्ल्यू की टीम को भी उनकी तबीयत बिगडऩे का डर रहता हैं, जिसके चलते अभी कई दौर की और पूछताछ की जाना बाकी है।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का मानना है कि ऐसा कोई सवाल वे नहीं छोडऩा चाहते हैं, जिसका लाभ कुठियाला को कोर्ट में मिल जाए और कुठियाला कोर्ट में यह तर्क न दे पाए कि उन्हें सुनने का मौका नहीं दिया गया है।