भोपाल

बिना एनवायरमेंट क्लीयरेंस के पटक दिया 10 लाख टन कचरा

500 करोड़ का प्रोजेक्ट खतरे में

भोपालJun 17, 2018 / 07:30 am

Bharat pandey

Project of 500 crores in danger

भोपाल। आदमपुर छावनी में सेनेटरी लैंडफिल साइट एंड वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के निर्माण में पर्यावरण के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिस इसी (एनवायरमेंट क्लीयरेंस) अनुमति के बिना किसी भी साइट में एक ईंट तक नहीं रखी जा सकती, वहीं इस साइट में 10 लाख टन से अधिक कचरे का पहाड़ खड़ा कर दिया गया है। यहां के ग्रामीण भी विरोध कर रहे हैं। ऐसे में 500 करोड़ का प्रोजेक्ट भी खतरे में पड़ सकता है।

मामूली गड्डा खोदकर भर दिया कचरा
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के अनुसार एसएलपी (सेनेटरी लैंड फिलिंग) के लिए २०-२५ फीट गहरे गड्ढे खोदकर उस पर सीमेंट की लाइनिंग की जानी थी। इस पर विनायल शीट बिछाने के बाद फिर सेकंड लाइनिंग होनी थी, जिससे कचरे का गंदा पानी जमीन में न जाए। इस तरह मानक एसएलपी बनाए बिना यहां लाखों टन कचरा इकट्ठा कर लिया गया है। इस तरीके से नियम तोडऩे के बाद प्रोजेक्ट को इसी कैसे मिल पाएगी, इस पर संदेह होने लगा है।

 

बरसात होते ही बढ़ जाएगी मुसीबत
प्री-मानसून की पहली बरसात के बाद ही कचरे के पहाड़ से बदबू उठने लगी है। एक-दो और बरसात के बाद ही कचरे से रिसने वाली गंदे पानी की सिल्ट बहकर पास बहने वाले नाले से होती हुई डाउनस्ट्रीम में अजनाल नदी में जा मिलेगा। कचरे का गंदा पानी जमीन में न जाए। इस तरह मानक एसएलपी बनाए बिना यहां लाखों टन कचरा इकट्ठा कर लिया गया है।

 

जब फाइल आएगी, तब प्रत्येक बिंदु बारीकी से देखेंगे
आदमपुर छावनी में इसी के बिना काम नहीं किया जाना चाहिए। जब इस साइट की फाइल आएगी, तब प्रत्येक बिंदु बारीकी से देखेंगे।
डॉ. संजीव श्रीवास्तव, ओआइसी, सिया

आदमपुर में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए अनुमति लेनी है
आदमपुर में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए अनुमति लेनी है। उसका काम इसी मिलने के बाद ही शुरू होगा। कम्पनी ने अस्थाई रूप से कचरा डालना शुरू कर दिया होगा।
पीके बुंदेला, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल

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