मामूली गड्डा खोदकर भर दिया कचरा
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के अनुसार एसएलपी (सेनेटरी लैंड फिलिंग) के लिए २०-२५ फीट गहरे गड्ढे खोदकर उस पर सीमेंट की लाइनिंग की जानी थी। इस पर विनायल शीट बिछाने के बाद फिर सेकंड लाइनिंग होनी थी, जिससे कचरे का गंदा पानी जमीन में न जाए। इस तरह मानक एसएलपी बनाए बिना यहां लाखों टन कचरा इकट्ठा कर लिया गया है। इस तरीके से नियम तोडऩे के बाद प्रोजेक्ट को इसी कैसे मिल पाएगी, इस पर संदेह होने लगा है।
बरसात होते ही बढ़ जाएगी मुसीबत
प्री-मानसून की पहली बरसात के बाद ही कचरे के पहाड़ से बदबू उठने लगी है। एक-दो और बरसात के बाद ही कचरे से रिसने वाली गंदे पानी की सिल्ट बहकर पास बहने वाले नाले से होती हुई डाउनस्ट्रीम में अजनाल नदी में जा मिलेगा। कचरे का गंदा पानी जमीन में न जाए। इस तरह मानक एसएलपी बनाए बिना यहां लाखों टन कचरा इकट्ठा कर लिया गया है।
जब फाइल आएगी, तब प्रत्येक बिंदु बारीकी से देखेंगे
आदमपुर छावनी में इसी के बिना काम नहीं किया जाना चाहिए। जब इस साइट की फाइल आएगी, तब प्रत्येक बिंदु बारीकी से देखेंगे।
डॉ. संजीव श्रीवास्तव, ओआइसी, सिया
आदमपुर में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए अनुमति लेनी है
आदमपुर में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए अनुमति लेनी है। उसका काम इसी मिलने के बाद ही शुरू होगा। कम्पनी ने अस्थाई रूप से कचरा डालना शुरू कर दिया होगा।
पीके बुंदेला, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल