मध्यप्रदेश राज्य सरकार ने इस कानून की अधिसूचना बुधवार शाम को जारी की है। जिसके तहत सांप्रदायिक दंगे, हड़ताल, धरना-प्रदर्शन या जुलूस के दौरान पत्थरबाजी करने वाले या किसी भी प्रकार की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाएगा। इस संबंध में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह विधेयक उन लोगों के लिए बनाया गया है, जो दंगे के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। घरों से पत्थर फेंकते हैं। अब ऐसे लोगों के घरों से पत्थर निकाले जाएंगे। अब ऐसे लोगों को इस कानून के दायरे में लाया गया है। जिससे लोगों में कानून का भय रहेगा।
विधानसभा में बहुमत से पारित हुआ विधेयक
विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान मप्र लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसान की वसूली (संशोधन) विधेयक 2021 बहुमत से पारित हुआ था। इस विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू कर दिया है। इस कानून के अनुसार संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर संबंधित से वसूली कर मालिक को भरपाईक की जाएगी। अगर वसूली में आरोपी किसी भी प्रकार की आनाकानी करता है तो उसकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
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इस तरह कर सकते हैं क्लेम
किसी भी प्रकार की तोडफ़ोड़ और नुकसान के बाद संबंधित द्वारा शिकायत करने पर क्लेम कमिश्नर मौके पर पहुंचकर फोटोग्राफ व नुकसान की रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को देगा। जिसके आधार पर गौर कर ट्रिब्यूनल निर्णय लेगा। जिसके बाद आदेशानुसार क्लेम कमिश्नर उसका पालन करावाएंगे। हालांकि ट्रिब्यूनल को मजबूत करने के लिए इसके फैसले को चुनौती सिर्फ हाईकोर्ट में ही दी जा सकेगी। वसूली देने में आनाकानी हुई, तो संबंधित व्यक्ति की संपत्ति की नीलामी भी की जा सकती है।
जिस व्यक्ति का नुकसान होगा, उसे 30 दिन में क्लेम के लिए ट्रिब्यूनल में आवेदन देना होगा, ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद 15 दिन में संबंधित को भुगतान करना होगा, भुगतान में आनाकानी करने पर आरोपी की संपत्ति कुर्क कर नीलाम की जाएगी, जिसकी राशि से संंबंधित व्यक्ति के नुकसान की भरपाई होगी।