रिपोर्ट पेश करने से पहले पंजीयन अफसरों ने इन लोकेशनों पर कलेक्टर गाइडलाइन से अधिक दर पर हुईं रजिस्ट्री की बारीकी से पड़ताल की है, इसके बाद ही प्रस्ताव तैयार किया। लेकिन पिछले दो दिन से उप जिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष इस प्रस्ताव पर मंथन कर रहे हैं। सरकार की मंशा है कि इस बार भी रेट नहीं बढ़ाए जाएं, ऐसे में प्रस्ताव पर उपजिला मूल्यांकन समिति की मुहर नहीं लगी। सोमवार को इसकी आखिरी बैठक के बाद इस प्रस्ताव को जिला मूल्यांकन समिति के पास भेजना था, देर शाम के बाद बैठक मंगलवार के लिए टाल दी गई।
वर्तमान में लागू कलेक्टर गाइडलाइन में सरकार ने 20 फीसदी जमीनों के रेट कम कर दिए, इसके बाद 1556 लोकेशनों पर अधिक दरों पर रजिस्ट्री हुईं। अक्टूबर 2019 में कलेक्टर गाइडलाइन में 10 नई कॉलोनियों को शामिल किया जा चुका है। इस कारण इस बार एक भी नई कॉलोनी को शामिल नहीं किया।
अवैध कॉलोनियों को रखा दूर
शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में काटी गईं अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री होने के बावजूद इन्हें कलेक्टर गाइडलाइन से अलग रखा है। इससे पहले उपजिला की सूची में 20 से 25 कॉलोनियों के नाम रहते थे। बाद में हटाए जाते थे, इस बार पहले ही हटा दिए।
शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में काटी गईं अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री होने के बावजूद इन्हें कलेक्टर गाइडलाइन से अलग रखा है। इससे पहले उपजिला की सूची में 20 से 25 कॉलोनियों के नाम रहते थे। बाद में हटाए जाते थे, इस बार पहले ही हटा दिए।
अफसरों से मिलकर जताएंगे विरोध
कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों के रेट न बढ़ाए जाएं, इसके लिए हम उच्च अधिकारियों से मिलेंगे। जमीनों की दर में कुछ राहत और मिल जाए तो रियल एस्टेट को बढ़ावा मिलेगा।
नितिन अग्रवाल, अध्यक्ष, क्रेडाई
कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों के रेट न बढ़ाए जाएं, इसके लिए हम उच्च अधिकारियों से मिलेंगे। जमीनों की दर में कुछ राहत और मिल जाए तो रियल एस्टेट को बढ़ावा मिलेगा।
नितिन अग्रवाल, अध्यक्ष, क्रेडाई