पांच साल से आय 350 करोड़ रुपए के आसपास ही
बीते पांच सालों में नगर निगम सीमा में करीब 50 हजार रुपए आवास बन गए। इतने ही अभी निर्माणाधीन है। आबादी में भ्भी लगातार बढ़ोतरी हो रही, लेकिन टैक्स वसूली में अधिक अंतर नहीं आया। बीते साल 340 करोड़ रुपए की वसूली हुई थी। उससे पहले के चार साल भी 300 करोड़ रुपए से 350 करोड़ रुपए के बीच ही रही। इस साल जरूर वसूली 400 करोड़ रुपए के करीब रही, लेकिन ये भी अधिक उत्साहवद्र्धक नहीं है। निगम ईमानदारी से वसूली करें तो संपत्तिकर की ही 600 करोड़ रुपए से अधिक वसूली होना चाहिए।
बीते पांच सालों में नगर निगम सीमा में करीब 50 हजार रुपए आवास बन गए। इतने ही अभी निर्माणाधीन है। आबादी में भ्भी लगातार बढ़ोतरी हो रही, लेकिन टैक्स वसूली में अधिक अंतर नहीं आया। बीते साल 340 करोड़ रुपए की वसूली हुई थी। उससे पहले के चार साल भी 300 करोड़ रुपए से 350 करोड़ रुपए के बीच ही रही। इस साल जरूर वसूली 400 करोड़ रुपए के करीब रही, लेकिन ये भी अधिक उत्साहवद्र्धक नहीं है। निगम ईमानदारी से वसूली करें तो संपत्तिकर की ही 600 करोड़ रुपए से अधिक वसूली होना चाहिए।
एक्सपर्ट कोट्स
वसूली बढ़ाने के लिए संपत्तिकर व जलदर के 100 फीसदी खाते खोलने और इनसे पूरी वसूली जरूरी है। ऐसा करने से निगम की आय बढ़ सकती है। निगम को विशेष योजना बनाकर इसके लिए काम करना चाहिए।
- वीके चतुर्वेदी, पूर्व अपर आयुक्त नगर निगम भोपाल
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संपत्तिकर व जलदर की वसूली अपेक्षाकृत काफी अच्छी रही। हम इसे और बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। हर नागरिक को जिम्मेदारी के साथ अपने टैक्स जमा करने चाहिए, ताकि शहर विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो।
- पवनकुमार सिंह, अपर आयुक्त