scriptजाते-जाते संविदा नियुक्ति निरस्त कर गए प्रोटेम स्पीकर | Protem Speaker recruited contractual appointment | Patrika News

जाते-जाते संविदा नियुक्ति निरस्त कर गए प्रोटेम स्पीकर

locationभोपालPublished: Jan 09, 2019 09:36:20 am

– चुनाव आचार संहिता के दौरान हुई थी नियुक्तियां

news

mp 230 seats result declared

भोपाल। मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष का चयन हो जाने के बाद प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना की जिम्मेदारी समाप्त हो गई। जाते-जाते प्रोटेम स्पीकर विधानसभा में संविदा नियुक्ति समाप्त कर गए। विधानसभा सचिवालय ने इनके आदेश भी जारी कर दिए। इनमें विधानसभा के सचिव शिशिर चौबे भी शामिल हैं। चौबे सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं। उन्हें हाल ही में विधानसभा में सचिव पद पर संविदा नियुक्ति की दी गई थी। इसी प्रकार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा के निजी स्टाफ में पदस्थ कर्मचारियों को संविदा पर नियुक्ति दे दी गई थी। इन्हें भी नियम विरुद्ध माना गया।
विधानसभा में राज्य सरकार से ४० से अधिक पद मिले थे। इनमें ६ पद सहायक ग्रेड तीन के थे। इन छह में से चार पदों को संविदा में बदल दिया गया। संविदा पर इन नियुक्तियों का सचिवालय में विरोध था। प्रोटेम स्पीकर तक भी यह बात पहुंची थी। नियमित पदों को संविदा पदों पर बदलने जाने के लिए विधानसभा सचिवालय ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा। लेकिन राज्य सरकार के वित्त विभाग ने स्पष्ट तौर पर कह दिया गया कि नियमित पदों को संविदा में नहीं बदला जा सकता। इस पर प्रोटेम स्पीकर ने इन नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश दिए।
कांग्रेस ने भी की थी आपत्ति –
चुनाव आचार संहिता के दौरान हुई नियुक्तियों पर प्रदेश कांग्रेस ने भी आपत्ति की थी। चुनाव आयोग को भी पत्र लिखकर नियुक्तियां करने का आग्रह किया था। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने आयोग से पूछा है कि आचार संहिता के प्रभावशील रहते विधानसभा सचिवालय द्वारा क्या नई नियुक्तियां की जा सकती हैं। यदि विधानसभा सचिवालय के अधिकारियो, कर्मचारियों का वेतन राज्य कोष से निकलता है तो आचार संहिता के पालन में किन नियमों के आधार पर नियुक्तियां करने में छूट ली गई हैं। जब विधानसभा अध्यक्ष स्वयं चुनाव में भाग ले रहे हैं तो उन्हें किस नैतिक आधार पर ऐसी नियुक्तियां करना चाहिए। जब इन नियुक्तियों को न ही विज्ञापित किया गया और न ही आयोग को भी पूर्व सूचित किया गया तो क्या चुनाव आयोग स्वयं संज्ञान लेकर कोई कार्रवाई कर सकता है अथवा नही। जब कोई संवैधानिक संस्था ही आचार संहिता की अनदेखी करेगी तो आयोग की क्या भूमिका होगी। हालांकि उस दौरान तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरन शर्मा ने कहा था कि विधानसभा में चुनाव आचार संहिता लागू नहीं होती।

ट्रेंडिंग वीडियो