युवाओं का कहना था कि फिल्म को तुरंत बैन किया जाए, उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो हम यह फिल्म भोपाल के किसी भी सिनेमा हाल में चलने नहीं देंगे। वहीं पूर्व में इस फिल्म के विरोध के चलते युवाओं ने शहर के सिनेमा हालों में लगे पद्मावती फिल्म के पोस्टर भी फाड़े।
ऐसा भी नहीं है कि ये विरोध केवल भोपाल में हो रहा है, इससे पहले प्रदेश के कई जिलों में भी इस फिल्म के प्रदर्शन को लेकर विरोध हो चुका है। वहीं ग्वालियर में तो युवाओं ने महाराजा के बाड़ा पर इस फिल्म के पोस्टरों को फाड़ने के अलावा भंसाली को ये समझाइश भी दे डाली थी कि यदि उन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं हैं तो पहले इतिहास की जानकारी ले लें, फिर कोई फिल्म बनाने की सोचें।
दरअसल, पद्मावती फिल्म के शूटिंग के बाद से ही लगातार यह कहा जा रह है कि फिल्म में रानी पद्मावती से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है। इसी को लेकर भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों के युवाओं में काफी नाराजगी है।
युवाओं का कहना है कि भंसाली की फिल्म में रानी पद्मावती का किरदार निभा रही दीपिका पादुकोण का आपत्तिजनक सीन्स दिखाया जा रहा है जो राजपूतों की वीरता को ठेस पहुंचा रहा है। उन्होंने अपनी इज्ज्त बचाने के लिए जौहर कर लिया था, जब अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड पर हमला किया था।
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी के प्रदेश कार्यसमिति के एक सदस्य ने भी इस फिल्म के इंटीमेट सीन को लेकर आपत्ति जतायी है, उन्होंने कहा है कि दीपिका पैसों के लिए ठुमका लगाती है, इसलिए वे पद्मावती की जीवनी न बताएं।
ये है पद्मावती फिल्म के विवाद का पूरा मामला :
सूत्रों के अनुसार इस फिल्म में पद्मावती और खिलजी के बीच इंटीमेट सीन दिखाया जा रहा है, जिससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचा है। इसके चलते काफी समय से इस फिल्म का विरोध हो रहा है। विरोध की शुरुआत राजस्थान में शूटिंग के दौरान हुई थी। शूटिंग के वक्त राजपूत करणी सेना ने कई जगह प्रदर्शन किया था और पुतले फूंके थे। जिसके बाद से ही मध्यप्रदेश के कई शहरों में भी फिल्म के पोस्टर जलाते हुए, विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार इस फिल्म में पद्मावती और खिलजी के बीच इंटीमेट सीन दिखाया जा रहा है, जिससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचा है। इसके चलते काफी समय से इस फिल्म का विरोध हो रहा है। विरोध की शुरुआत राजस्थान में शूटिंग के दौरान हुई थी। शूटिंग के वक्त राजपूत करणी सेना ने कई जगह प्रदर्शन किया था और पुतले फूंके थे। जिसके बाद से ही मध्यप्रदेश के कई शहरों में भी फिल्म के पोस्टर जलाते हुए, विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
सिनेमाघरों के संचालकों को दिया ज्ञापन :
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के द्वारा शनिवार को समस्त सिनेमाघरों के संचालकों को पद्मावती फिल्म को लेकर ज्ञापन दिया गया। यहां अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा द्वारा स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी गई है कि त्याग तपस्या और बलिदान संस्कृति की परिचालक महारानी पद्मावती के जीवन चरित्र को कलंकित करने वाली फिल्म किसी भी सिनेमाघर में नहीं चलेगी।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के द्वारा शनिवार को समस्त सिनेमाघरों के संचालकों को पद्मावती फिल्म को लेकर ज्ञापन दिया गया। यहां अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा द्वारा स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी गई है कि त्याग तपस्या और बलिदान संस्कृति की परिचालक महारानी पद्मावती के जीवन चरित्र को कलंकित करने वाली फिल्म किसी भी सिनेमाघर में नहीं चलेगी।
ज्ञापन में कहा गया कि अगर समाज की भावनाओं पर कुठाराघात किया गया तो इसकी संपूर्ण जवाबदारी फ़िल्म निर्देशक,निर्माता,सिनेमाघरों के संचालको और प्रशासन की होगी। इस ज्ञापन में ब्राह्मण समाज के कार्यकर्ता भी शामिल हुए और उन्होंने भी क्षत्रिय समाज को अपना समर्थन किया।