उन्होंने कहा कि इस कारण अधिक वाहनों को प्रवेश मिलेगा, इससे जहां पर्यटकों को पार्कों में ज्यादा से ज्याद प्रवेश मिल सकेगा, वहीं इससे लोगों के लिए रोजगार भी बढ़ाया जा सकेगा।
इस मामले की शिकायत आरटीआई एक्टिविस्टि अजय दुबे ने भारत निर्वाचन आयोग से की है। उन्होंने आयोग से कहा है कि जब आचार संहिता लागू है तो पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव हरिरंजन राव इस तरह के फैसले लेकर रोजगार बढ़ाने की घोषणा कैसे कर सकते हैं। यह आचार संहिता का पूरी तरह से उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एनटीसीए की अनुमति नहीं मिली है, एनटीसीए की बैठक 29 अक्टूबर को है, जिसमें इससे जुड़े कुछ निर्णय लिए जा सकते हैं। इसके पहले ही प्रमुख सचिव हरिरंजन राव ने इस तरह की घोषणा करके आचार संहिता का उल्लंघन किया है। अजय दुबे ने शिकायत में बताया कि कोर एरिया में वाहनों की संख्या बढ़ाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 में फैसला किया था, लेकिन आज रोजगार बढ़ाने के संबंध में घोषणा करना आचार संहिता का उल्लंघन है।
इस मामले की शिकायत आरटीआई एक्टिविस्टि अजय दुबे ने भारत निर्वाचन आयोग से की है। उन्होंने आयोग से कहा है कि जब आचार संहिता लागू है तो पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव हरिरंजन राव इस तरह के फैसले लेकर रोजगार बढ़ाने की घोषणा कैसे कर सकते हैं। यह आचार संहिता का पूरी तरह से उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एनटीसीए की अनुमति नहीं मिली है, एनटीसीए की बैठक 29 अक्टूबर को है, जिसमें इससे जुड़े कुछ निर्णय लिए जा सकते हैं। इसके पहले ही प्रमुख सचिव हरिरंजन राव ने इस तरह की घोषणा करके आचार संहिता का उल्लंघन किया है। अजय दुबे ने शिकायत में बताया कि कोर एरिया में वाहनों की संख्या बढ़ाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 में फैसला किया था, लेकिन आज रोजगार बढ़ाने के संबंध में घोषणा करना आचार संहिता का उल्लंघन है।
कैरिंग ऐरिया बढ़ाने से कम से कम डेढ़ सौ वाहनों के प्रवेश का अंतर आएगा। एक वाहन में अधिकत 6 पर्यटकों को बैठने की अनुमति दी जाती है। इससे पहले कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना, सतपुड़ा और संजय गांधी नेशनल पार्क में 728 वाहनों को प्रवेश दिया जाता है। लेकिन कोर एरिया में 20 फीसदी वाहनों को प्रवेश देने से वाहनों की संख्या 153 से अधिक हो जाएगी।