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अतिथि विद्वानों के दबाव में आकर हमें नियुक्ति पत्र नहीं दे रही सरकार

locationभोपालPublished: Dec 06, 2019 01:31:19 am

Submitted by:

Ram kailash napit

राज्यपाल से मिलने गए पीएससी चयनितों ने लगाया आरोप

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भोपाल. मप्र लोकसेवा आयोग से एक साल पहले 6 दिसंबर 2018 को जारी ग्रंथपाल और क्रीडा अधिकारियों के परीक्षा परिणामों की समय सीमा शुक्रवार को समाप्त हो जाएगी। सरकार दोनों वर्गों के लगभग 425 उर्तीर्ण उम्मीदवारों को नियुक्ति आदेश नहीं दे पाई। पांच दिन पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 2700 सहायक प्राध्यापक, 218 ग्रंथपाल सहित 214 क्रीडा अधिकारियों के नियुक्ति आदेश जारी करने की घोषणा की थी लेकिन 33 नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद कार्रवाई ठंडे बस्ते में है।
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी पर हीलाहवाली करने और अतिथि विद्वानों के दबाव में नियुक्ति आदेश जारी नहीं करने का आरोप लगते हुए चयनितों ने गुरुवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। चयनित उम्मीदवारों ने राज्यपाल को संविधान की पुस्तक भेंटकर बताया कि कांग्रेस सरकार चुनावी वायदे को पूरा करने के लिए पीएससी के परिणाम को मानने से बच रही है। चयनितों ने आरोप लगाया कि उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी अतिथि विद्वानों को नियमित करने के लिए प्रयासरत हैं इसलिए नियमित नियुक्ति आदेश जारी नहीं किए जा रहे हैं। राज्यपाल ने इस मामले में जल्द नियुक्ति आदेश दिलवाने का आश्वासन तीन हजार चयनितों को दिया है। चयनितों की भूख हड़ताल गुरुवार को भी नीलम पार्क में जारी रही।
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी पर साधा निशाना
अतिथि विद्वानों को नियमित करने की आवाज उठाने वाले कालापीपल से कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी पीएससी चयनितों के निशाने पर हैं। राज्यपाल से शिकायत में कहा गया कि चौधरी सरकार पर पहले अतिथि विद्वानों के लिए नए पद मंजूर कराने और उन्हें समायोजित करने दबाव बना रहे हैं। कांग्रेस के वचन को पूरा करने के लिए ही पीएससी चयनितों के नियुक्ती आदेश जारी नहीं हो रहे हैं। पीएससी चयनितों के आरोपों पर सफाई देते हुए पटवारी ने कहा कि वे किसी के दबाव में नहीं है।

पीएससी को भेजा जाएगा प्रस्ताव
उच्च शिक्षा विभाग अब एक प्रस्ताव भेजकर पीएससी से सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और क्रीडा अधिकारियों के परिणामों की समय सीमा में वृद्धि करने की अपील करेगा। उच्च शिक्षा मंत्री के अनुमोदन के लिए इसका प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है। इससे पहले भी कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने तीन हजार से ज्यादा चयनितों को नियुक्ति देने का प्रस्ताव मंत्री के बंगले पर अनुमोदन के लिए भेजा था जो अब तक अटका हुआ है।

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