अभी तक आवेदन जनसुनवाई के बाद कलेक्टोरेट के कमरा नंबर 181 में रखे जाते थे। जहां से मीडिया उन आवेदनों को देखता था, लेकिन पहली बार कलेक्टोरेट में जनता से जुड़ी शिकायतों को एडीएम वंदना शर्मा ने मीडिया से छिपा लिया। कलेक्टोरेट में ही 100 से 150 आवेदन आते हैं।
जनसुनवाई में कुछ ऐसे आवेदन भी आने लगे हैं जिनका समाधान प्रशासन के अधिकारी नहीं कर पा रहे। सूत्र बताते हैं कि इन्हीं नाकामियों को छिपाने के लिए अफसरों ने ये रास्ता खोजा है। गौरतलब है कि अलग-अलग विभागों की शिकायतों को टीप लगा कर संबंधित विभागों में भेज दिया जाता है, लेकिन उनपर क्या कार्रवाई की गई उस पर कोई ध्यान नहीं देता।
मैं जनसुनवाई के बाद कक्ष में आवेदन देखने गई थी, ये किसने कह दिया कि आवेदन छिपाए जा रहे हैं। मैं जनसुनवाई की ओआईसी हूं, इस कारण आवेदन अपने कक्ष में बुलवाए थे।
– वंदना शर्मा, एडीएम
कलेक्टर ने लापरवाही पर 21 से पूछा कारण
सीएम हेल्पलाइन, जनसुनवाई के प्रकरणों में लापरवाही बरतने को लेकर कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने मंगलवार को 21 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डॉ. एनयू खान, सीएमएचओ, डॉ. आईके चुघ सिविल सर्जन जिला अस्पताल, हेमंत कश्यप सहायक यंत्री, मनोज श्रीवास्तव कार्यपालन यंत्री, एसके मालवीय सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, रविन्द्र जैन बीईओ फंदा लोक शिक्षण विभाग,
प्रभाकर श्रीवास्तव डीपीसी राज्य शिक्षा केन्द्र, विनोद राजौरिया बीईओ बैरसिया , केपीसी तोमर डीईओ, आरके गणेशे उप संचालक कृषि विभाग, उपासना राय जिला कार्यक्रम अधिकारी, पकंज लाहोटी बैरसिया, अमरनाथ शर्मा बाल कोलार,
शुभा श्रीवास्तव बाणगंगा (बाल विकास परियोजना अधिकारी ) संतोष मुदगल तहसीलदार हुजूर, अवनीश मिश्रा तहसीलदार बैरसिया, देवेन्द्र चौधरी तहसीलदार शहर वृत्त, मनोज श्रीवास्तव तहसीलदार कोलार, तथा मनीष शर्मा तहसीलदार गोविंदपुरा वृत्त शामिल हैं।