सख्त नियमों के डर को किया जाए दूर
आर्थिक मोर्चे पर कड़े कदम उठाए गए हैं, जिसके परिणाम मिलेंगे। हालांकि इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है। जमा पूंजी कम हुई है, जिससे भय बना हुआ है। कैश फ्लो कम है। जनप्रतिनिधियों को कैश लिमिट की मियाद बढ़वाना चाहिए। नियमों के नाम पर आम आदमी और व्यापारी के डर को दूर किया जाए।
आशीष कटकवार, सीए
व्यापार को राहत देने वाली बनाएं नीतियां
व्यापारी निराश हैं। राजनीतिक दलों को व्यापार को बढ़ावा देने वाली नीतियां बनाना चाहिए। नकद निकासी समेत जीएसटी में राहत देना चाहिए। सरकार को ऐसी फर्जी कंपनियों पर अंकुश लगाने की ओर ध्यान दे जो घटिया उत्पाद बाजार में दे रही हैं। एक कंपनी बंद कर दूसरे नाम से शुरू कर दी जाती है।
उजेर खान, युवा व्यापारी
डवलपमेंट योजनाओं को बनाएं व्यवहारिकसरकारी नीतियों में नौकरशाही हावी रहती है। इन्हें व्यवहारिक बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा। रहवासी क्षेत्रों के डवलपमेंट में व्यवसायिक गतिविधियों के लिए प्लानिंग नहीं की जाती है। इसी तरह छोटे आवासीय भूखंडों में अपेक्षाकृत बड़े आकार का एमओएस छोड़े जाने का नियम भी व्यवहारिक नहीं है।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रयास नहीं किए गए हैं। शिक्षकों की कमी बनी हुई है, पर स्कूलों के उन्नयन और अन्य योजनाओं को लागू किया जा रहा है। नई सरकार से उम्मीद है कि शिक्षकों की भर्ती के साथ ही संसाधनों की कमी दूर करे, जिससे शिक्षा व्यवस्था में बदलाव दिखे।
आशुतोष दुबे, शिक्षक
टैक्स और गवर्नमेंट ड्यूटी कम किए जाने की आवश्यकता है। इससे बिजनेस और निवेश के क्षेत्र में रोटेशन बढ़ सकेगा। नई सरकार से यही उम्मीद है कि ऐसी नीति लागू करे, जिससे छोटी और बेहतर सेवाएं देने वाली फर्म भी पूंजी के अभाव में बंद न हों।
वैभव राजन, कॉर्पोरेट लॉयर
ज्योति पटेल, छात्रा
योजनाओं के बेहतर अमल की दरकार
इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को प्रोत्साहन नहीं मिला है। थ्री व्हीलर पर सब्सिडी दी जा रही है तो इसे सीधे हितग्राही मिले। इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया नहीं कराया जा सका है। चार्जिंग स्टेशन तक नहीं बन पाए हैं। नई सरकार को इस दिशा में गंभीरता से कार्य करना चाहिए।
अनमोल बोहरे, ई-ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर
स्वास्थ्य सुविधाओं का मिले सभी को लाभ
स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कदम नहीं उठाए गए हैं। जन आरोग्य योजना में निजी अस्पतालों को भी जोड़ा जाए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिले। जनप्रतिनिधियों से उम्मीद है ऐसी योजनाएं लाएं, जिससे जनता को सस्ती पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो सकें।
डॉ. हेमंत मित्तल, अस्पताल संचालक