नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा या अप्रत्यक्ष प्रणाली से, इस बारे में कई दिनों से कयास लगाए जा रहे थे. असमंजस उस समय और बढ गया जब बुधवार को सुबह यह खबर सामने आई कि राज्य सरकार ने प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का निर्णय ले लिया है. इतना ही नहीं, इस संबंध में अध्यादेश भी राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेज दिया है. कुछ ही देर राज्य सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यह कहकर मामले को उलझा दिया कि ऐसा कोई अध्यादेश राजभवन नहीं भेजा गया है। दिनभर की उहापोह के बाद अंतत: शाम को स्थिति साफ हुई.
नगर निगमों में ही प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर के चुनाव करवाने संबंधी अध्यादेश राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेजा जा रहा- आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही होंगे। यानि इन निकायों में चुनकर आए पार्षद ही अपने नेता का चुनाव करेंगे. इसके उलट नगर निगमों में मेयर या महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा अर्थात नगर निगमों में मेयर खुद जनता चुनेगी. केवल नगर निगमों में ही प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर के चुनाव करवाने संबंधी अध्यादेश राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेजा जा रहा है। राज्य में कुल 16 नगर निगमों में महापौर चुने जाने हैं.