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बिना जांच एक्स्ट्रा रुपए लेकर दिए जा रहे पीयूसी सर्टिफिकेट

locationभोपालPublished: Apr 07, 2019 08:11:11 am

राजधानी में दस लाख से अधिक वाहन, प्रदूषण फैला रहे वाहनों को पीयूसी सर्टिफिकेट…

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बिना जांच एक्स्ट्रा रुपए लेकर दिए जा रहे पीयूसी सर्टिफिकेट

भोपाल. वाहन प्रदूषण के नाम पर शहर में जगह-जगह खुले चलित वाहन प्रदूषण जांच केन्द्र भ्रष्टाचार का प्रदूषण फैला रहे हैं। मानकों के अनुसार गाड़ी से होने वाले उत्सर्जन का प्रदूषण स्तर नापने की गरज किसको पड़ी है, जब बिना गाड़ी लाए, फोटो दिखाकर ही काम हो जाए? शहर में तीन दर्जन चलित वाहन प्रदूषण जांच केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केन्द्रों में तो कई ऐसे भी हैं, जो अपरिचित से भी बिना वाहन लाए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल का सर्टिफिकेट दे देते हैं। इसके लिए वाहन के अनुसार पचास से पांच सौ रुपए तक अतिरिक्त देने होते हैं। पत्रिका एक्सपोज टीम ने इस बात का खुलासा स्टिंग में किया है। अरेरा कॉलोनी स्थित पर्यावरण परिसर के बाहर चलित प्रदूषण जांच केन्द्र पर रिपोर्टर ने एक कार बिना लाए पीयूसी जारी करने की बात की।

 

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जांच केन्द्र संचालक से सीधी बात:
रिपोर्टर: गाड़ी का पॉल्यूशन चेक करवाना था, हो जाएगा?
मन्नू: गाड़ी लानी पड़ेगी।
रिपोर्टर: अरे यार…(थोड़ा परेशानी दिखाते हुए)।
मन्नू: कहां है आपकी गाड़ी?
रिपोर्टर: गाड़ी तो टीटी नगर में खड़ी है।
मन्नू: कौन सी गाड़ी है?
रिपोर्टर: वो है, मारुति की 800।
मन्नू: बिना उसके (गाड़ी के) नहीं हो पाएगा, फोटो खींचनी पड़ती है।
रिपोर्टर: फोटो ले लाऊं?
मन्नू: फोटो ले आओगे तो वो काम हम नहीं करते, कोई और करता है।
रिपोर्टर: कौन कर देगा?
मन्नू: आरटीओ ऑफिस के पास एक लगाता है गाड़ी।
रिपोर्टर: आरटीओ ऑफिस के पास…?
मन्नू: वो ऐसे ही नहीं करता सबके लिए, हम बोल देंगे तो कर देगा।… वैसे कोई मतलब नहीं ज्यादा रुपए देने का।
रिपोर्टर: कितने रुपए ले लेगा?
मन्नू: 350 रुपए ले लेगा, वैसे 250 रुपए लगते हैं एक गाड़ी (कार) के।
रिपोर्टर: तुम्हें नम्बर लिखवा दें?
मन्नू: नहीं, गाड़ी ले आइए।
(चलते-चलते मन्नू नाम के इस शख्स ने रिपोर्टर को अपना मोबाइल नम्बर नोट कराया और गाड़ी की फोटो पीछे की ओर से थोड़ी दूरी से खींचकर व्हाट्सएप के माध्यम से भेजने को कहा। इसके बाद पीयूसी देने की बात कही।)

दूसरे व्यक्ति ने भी भरी हामी
पत्रिका संवाददाता मन्नू के बताए हुए स्थान पर चलित वाहन केन्द्र को तलाशता हुआ लिंक रोड-2 पर पहुंचा। सुभाष एक्सीलेंस स्कूल के सामने वाहन प्रदूषण चेक करने वाली दो वैन खड़ी थीं। इनमें एक वैन पर स्वास्तिक प्रदूषण जांच केन्द्र लिखा था। इस वैन में मौजूद व्यक्ति ने पर्यावरण परिसर के बाहर प्रदूषण की जांच करने वाले मन्नू को पहचान लिया, लेकिन उसने पीयूसी के लिए कार की फोटो और रुपए मन्नू को ही देने की बात कही। उसने यह भी कहा कि यह एक पूरा चक्र है और उसी हिसाब से काम चलता है। उसने यह भी बताया कि पीयूसी जारी करने के एक माध्यम से जाओगे तो आराम से बन जाएगा। सीधे किसी को कोई एंटरटेन नहीं करेगा।

वाहन प्रदूषण जांच शुल्क
– दोपहिया वाहन : 100
– तीन पहिया वाहन: 150
– चार पहिया वाहन: 250
– चार पहिया (मध्यम) कमर्शियल वाहन: 300
– भारी वाहन (बस/ट्रक) इत्यादि: 500

बिना पीयूसी बीमा रिन्यूअल नहीं
पीयूसी के बिना वाहन का इंश्योरेंस रिन्यू कराना कठिन हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईआरडीएआई) ने कुछ समय पहले एक सर्कुलर जारी कर इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे बिना पीयूसी सर्टिफिकेट वाले वाहनों का रिनुअल न करें। मोटर वाहन अधिनियम 1989 के मुताबिक वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य है। नियमों के मुताबिक पहली बार वाहन रजिस्टर होने की तारीख से एक साल के खत्म होने के बाद संबंधित राज्य सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसी के द्वारा जारी किया गया पीयूसी सर्टिफिकेट साथ लेकर चलना अनिवार्य होता है। आमतौर पर इस सर्टिफिकेट की वैधता छह महीने की होती है। पिछले वर्ष अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने इश्योरेंस देने वाली कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे बिना पीयूसी देखे वाहनों का इश्योरेंस रिन्यू न करें।

क्या होता है पीयूसी सर्टिफिकेट
पॉल्यूशन यानी प्रदूषण को रोकने के लिए हर वाहन को इसके लिए तय किए गए मानकों पर परखा जाता है। इसके लिए प्रदूषण जांच केंद्र होते हैं। प्रदूषण जांच केंद्र आमतौर पर पेट्रोल पंपों पर मिल जाते हैं। इन केंद्रों पर वाहनों की जांच कर पीयूसी सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। अलग-अलग राज्यों में जारी किए जाने वाले पीयूसी की वैधता भी भिन्न हो सकती है, जैसे दिल्ली में पीयूसी की वैधता 3 महीने की है और मध्यप्रदेश में इसकी वैधता 6 महीने की है, लेकिन तीन महीने में एक बार फिर पॉल्यूशन चेक कराने की सलाह दी जाती है। सर्टिफिकेट की वैधता खत्म होने के बाद फिर से नया सर्टिफिकेट बनवाना पड़ता है।

बिना पीयूसी के दो पहिया वाहन पर एक हजार, कार पर दो हजार और बस ट्रक पर तीन हजार रुपए का जुर्माना किया जाता है। चेकिंग करने वाले इस तरह का गड़बड़ कर रहे हैं तो कल ही इंस्पेक्टर को भेजकर जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।
– संजय तिवारी, आरटीओ

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