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अभी तक बेंगलूरु, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, पांडिचेरी और महाराष्ट्र प्रांत की 12000 किमी की यात्रा पूरी कर ली। बुधवार को वे राजधानी पहुंचे। वे यहां सेंट्रल जेल के कैदियों से मिले और उन्हें अपराध का रास्ता छोडकऱ देशभक्ति के रास्ते पर चलने का संदेश दिया। गोपीनाथ ने बताया कि वे एक वर्ष तक देश के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की यात्रा करेंगे।
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पुलवामा में शहीद हुए 40 जवानों के गांव जाकर न सिर्फ शहीद के परिजनों से मिलेंगे,बल्कि उस गांव की मिट्टी एकत्र करेंगे। अंत में इसी मिट्टी से पुलवामा में एक शहीद स्मारक का निर्माण भी करेंगे। गोपीनाथ की यात्रा बेंगलूरु के सीआरपीएफ कैंप से शुरू हुई है। पेशे से म्युजिकल आर्टिस्ट उमेश बेंगलुरु के जरापुरा इलाके में बच्चों को म्युजिक सिखाते हैं। एसेंट कार के साथ मारुति कार को टोचन करके वे कैंपस के रूप में इसका उपयोग करते हुए यात्रा पर निकले हैं। वे अब तक छह परिवारों से मिल चुके हैं।