रात ढाई बजे कुंडी खोल घर में घुसा बदमाश
भोपालPublished: Feb 23, 2020 01:49:40 am
12 साल की बच्ची ने गला दबाने पर उसे जोरदार पंच मारकर भगाया
रात ढाई बजे कुंडी खोल घर में घुसा बदमाश
भोपाल. गांधी नगर इलाके में सातवीं कक्षा में पढऩे वाली १२ साल की बच्ची की बहादुरी ने खुद के साथ अपने परिवार को सुरक्षित बचा लिया। रात ढाई बजे घर में घुसे नकाबपोश बदमाश उसकी हिम्मत देख पस्त हो गया। उसे उल्टे पैर वापस भागना पड़ा।
बदमाश बच्ची का गला दबा रहा था। उसने दोनों पैर से बच्ची के हाथ दबा रखे थे। बच्ची ने साहस दिखाते हुए हाथ छुड़ाया, फिर नकाबपोश बदमाश के मुंह पर जोरदार पंच मारा, इससे उसका नकाब हट गया। इस बीच बच्ची के चीखते ही बदमाश ने उसका मुंह दबाने की एक और कोशिश की, लेकिन बच्ची ने हार नहीं मानी। उसने बदमाश का हाथ झटका और फिर जोर से चीखी तो बगल के कमरे में सो रहे माता-पिता जाग गए। ये देख बदमाश बालकनी से कूदकर भाग निकला। घटना गांधी नगर इलाके के सागर बंग्लो में देर रात करीब ढाई बजे की है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। जानकीारी के मुताबिक सागर बंग्लो गांधी नगर निवासी नरेंद्र जायसवाल एक निजी संस्था के माध्यम से नेशनल हेल्थ मिशन में मैनेजर हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात वे खाना खाकर सोने चले गए थे। वे फस्र्ट फ्लोर में स्थित एक कमरे में पत्नी व छोटे बेटे के साथ सो रहे थे। बगल के कमरे में 12 वर्षीय बेटी काव्या सो रही थी। काव्या एक निजी स्कूल में सातवीं कक्षा की छात्रा है। देर रात करीब ढाई बजे नरेंद्र ने काव्या के चीखने की आवाज सुनी तो वे जाग उठे। वे दरवाजे खोलने पहुंचे, लेकिन वह बाहर से बंद था। एक मिनट बाद काव्या ने दरवाजा खोला। नरेंद्र ने काव्या से पूछा तो उसने बताया कि एक आदमी मेरे ऊपर बैठकर गला दबा रहा था। उसने दोनों पैरों से उसके हाथ दबा रखे थे। घुटन होने पर उसकी नींद खुली तो उसने हाथ झटका, जो कि बाहर आ गया। उसने बदमाश के मुंह पर जोरदार पंच मारा। वह नकाब पहने था, जो पंच मारने से हट गया। काव्या चीखी तो वह डर कर भागने लगा। तभी काव्या दोबारा जोर से चीखी तो उसके पिता जाग गए और उसके कमरे की तरफ आए।
साहस की जुबानी: मेरा दम घुटने लगा था
मैं घर में सो रही थी। रात करीब ढाई बजे रहे होंगे। अचानक सोते वक्त कोई व्यक्ति मेरे कमरे में आकर मेरा गला दबा दिया। नींद खुली तो वह मेरे पैर पर बैठा मिला। वह मुझे चुप रहने के लिए मुंह पर हाथ दबा रहा था। करीब सवा मिनट में मेरा दम घुटने लगा। मैं झटका देकर उठी। तभी मैंने बदमाश के चेहरे पर पंच मारा। उसका नकाब उतर गया। तभी वह भाग निकला। मैं पहले काफी डर गई थी।
काव्या
(जैसा पत्रिका को बताया )