भोपाल के माता मंदिर के पास स्थित मां भद्रकाली विजयासन दरबार में शुक्रवार को सुबह 10 बजे सात फीट गहरे गड्डे में साधना में लीन हुए बाबा पुरुषोत्तमानंद महाराज सोमवार को सुबह 10 बजे बाहर आ गए। उनके भक्तों ने जैसे ही उन्हें समाधि से बाहर निकाला बाबा ने कहा कि मेरा तप पूरा हुआ। बाबा की सेविका ने मीडिया को बताया कि बाबाजी ने लोक कल्याण की कामना के लिए समाधि ली थी। बाबा के शिष्यों का दावा है कि महाराज इससे पहले महेश्वर में 24 घंटे की जल समाधि भी ले चुके है। इसके अलावा अग्नि स्नान भी कर चुके हैं। इस बार उन्होंने 72 घंटे की समाधि ली थी।
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बाबा बोले- मां दुर्गा से साक्षात्कार हुआ, स्वर्ग के भी दर्शन किए बाबा ने समाधि से बाहर आने के बाद कहा कि मेरा शरीर तपस्या में लीन था और मेरी आत्मा भगवान के पास थी। माता मुझे एक रथ पर लेकर स्वर्ग के दर्शन कराने ले गई। माता ने मुझे शिवलोक, विष्णुलोक और ब्रह्म लोक के दर्शन कराए।
7 फीट चौड़ा गड्ढा खोदा था
शुक्रवार को बाबा की समाधि के लिए मंदिर परिसर में सात फीट गहरा, चार फीट चौड़ा और छह फीट लंबा गड्ढा खोदा गया था। बाबा ने समाधि लेने से पहले गड्ढे के भीतर गद्धा बिछाया और थोड़ी देर बाद पूजा अर्चना करते हुए समाधि में लीन हो गए। भक्तों ने गड्ढे के ऊपर लकड़ी के पटिए लगाकर बंद कर दिया। बाबा अब इस स्थान से 72 घंटे बाद सोमवार को सुबह 10 बजे बाहर आए।
प्रशासन बोला कार्रवाई करेंगे
इधर, बगैर अनुमति समाधि लेने की सूचना मिलते ही इलाके के एसीपी चंद्रशेखर पांडे ने बताया कि बाबा को समाधि की कोई अनुमति नहीं दी गई है। इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।