प्रमुख अमावस्या
मौनी अमावस्या- 24 जनवरी
सोमवती अमावस्या- 23 मार्च, 20 जुलाई
सर्व पितृ अमावस्या- 17 सितंबर
सभी प्रकार की खरीदारी के लिए शुभ संयोग
ज्योतिष मठ संस्थान के पं. विनोद गौतम ने बताया कि पुष्य नक्षत्र हर माह आता है। साल में एकाध महीना ऐसा भी आता है, जब यह दो बार आता है। जब यह नक्षत्र गुरुवार या रविवार के दिन आता है, तो गुरु पुष्य और रवि पुष्य का संयोग बनता है। यह योग सभी प्रकार की खरीदारी के लिए विशेष शुभ माना गया है। इसमें की गई खरीदारी स्थायित्व देती है।
शुभ कार्यों के लिए फलदायी
ज्योतिषाचार्य अंजना गुप्ता के अनुसार रवि पुष्य और गुरु पुष्य के शुभ संयोग में खरीदारी सहित सभी प्रकार के शुभ कार्य करना श्रेष्ठ फलदायी माना गया है। 27 प्रकार के नक्षत्रों में पुष्य को नक्षत्रों का राजा माना गया है। यह नक्षत्र जब रविवार को रवि पुष्य, सोमवार को सोम पुष्य, गुरुवार को गुरु पुष्य का संयोग बनाता है। इस दिन साधना से सफलता प्राप्त होती है। धन, वैभव में वृद्धि होती है, जीवन में आर्थिक समृद्धि आती है।
इन तारीखों में पुष्य का योग
12 जनवरी- रवि पुष्य
30 अप्रैल- गुरु पुष्य
11 अक्टूबर- रवि पुष्य योग