एनसीईआरटी की बुक्स से पढऩे का फायदा मिला
मैथ्स एक्सपर्ट सुहाग कारिया ने बताया कि 198 अंकों का पहला और 198 का दूसरा पेपर था। पहले पेपर सिंगल करैक्ट थे जबकि दूसरे में नहीं थे। पूर्णांक संख्या वाले सवाल पहले में नहीं आए थे। न्यूमेरिकल रिस्पॉन्स वाले सवाल दोनों में आए थे। एक से अधिक उत्तर वाले सवाल भी दोनों में आए।
स्टूडेंट मैहुल विजय चंदा का कहना है कि पेपर बहुत मुश्किल लगा। खासकर फिजिक्स बहुत टफ था। कैमिस्ट्री, मैथ्स एवरेज थे। एडंवास की तैयारी के लिए मैंने सितंबर में मेंस का पेपर नहीं दिया था। इस कारण मुझे काफी समय मिल गया था। इस दौरान ऑनलाइन टेस्ट और बहुत सारे पेपर दिए थे। पुराने पेपर को सॉल्व किया। कैमेस्ट्री में औसत स्तर के सवाल पूछे गए। आर्गेनिक कैमेस्ट्री में एरोमेटिक और स्टीरियो आइसोमेरिज्म के सवाल ज्यादा थे।
वहीं, सूर्यांश सिंह बिस्ट ने बताया कि इस बार का पेपर लास्ट ईयर की तुलना में काफी टफ था। फिजिक्स ने बहुत परेशान किया। मुझे मैथ्स ईजी लगी जबकि कैमिस्ट्री एवरेज रही। एग्जाम की तैयारी के लिए हर दिन आठ से नौ घंटे तक स्टडी करता था। एनसीईआरटी की बुक्स से पढऩे का फायदा मिला है। पुराने पेपर भी सॉल्व किए।