पार्टी सूत्रों के मुताबिक राहुल के लिए सुरक्षित सीटें तलाश की जा रही है, जिसमें कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा को सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। गौरतलब है कि अमेठी में राहुल केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से पिछला चुनाव महज एक लाख मतों के अंतर से ही जीत पाए थे, जबकि इससे पहले यहां उन्हें लगभग तीन लाख मतों से जीत मिलती रही है।
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इंदिरा गांधी ने कमलनाथ को अपना तीसरा पुत्र बताते हुए 1980 में छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा था।
राहुल गांधी और प्रियंका को खुद निर्णय करना है कि वे कहां से चुनाव लड़ें। वे जहां से चाहेंगे वहां से चुनाव लड़ सकते हैं। जहां तक राहुल की छिंदवाड़ा से लडऩे की बात है, तो यह राहुल और कमलनाथ के स्तर का मामला है।
– चंद्रप्रभाष शेखर, संगठन महामंत्री, प्रदेश कांग्रेस
इधर, भाजपा उपाध्यक्ष बोले :अभिनेता, अफसर और पत्रकार ने दिया दगा
वहीं दूसरी ओर भाजपा का दामन छोड़कर कोलकाता में ममता बनर्जी की महारैली में शामिल होने वाले तीन दिग्गज नेताओं पर पार्टी उपाध्यक्ष प्रभात झा ने हमला बोला है।
झा ने इन तीनों नेताओं को खलनायक, लुटेरा और अवसरवादी बताया है। उन्होंने यह निशाना ममता की रैली में शामिल होने वाले शत्रुघ्न सिन्हा, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी पर साधा है।
झा ने अपने ट्वीट मैं लिखा है कि लोग कितने स्वार्थी हो जाते हैं। उसके इस युग में तीन उदाहरण सामने आए हैं। इसमें एक अभिनेता, एक पत्रकार और एक नौकरशाह शामिल हैं। भाजपा ने इन तीनों को सब कुछ दिया, लेकिन ये खलनायक निकले और अपने ही घर को लूटने लगे।
संगठन की कार्यशैली पर भी उठाए सवाल
झा ने लिखा है कि हमें विचार को प्रभावित करने वाले नहीं, हमारे विचार से प्रभावित होने वाले लोग चाहिए।
कितने आए, कितने गए संगठन को कुछ नहीं होता है, जैसा कहने वालों को यह सोचना होगा कि हमारे पास ऐसा कोई पैमाना नहीं बना है कि हम ऐसे व्यक्तियों से पूर्व में ही सावधान हो जाएं।
संगठन को इस पर विचार करना ही चाहिए। झा के ट्वीट पर किसी ने कहा कि फिर तो आपको लालकृष्ण आडवाणी भी विलन नजर आएंगे। किसी ने पूछा है कि आपने तो कभी चुनाव ही नहीं लड़ा। किसी ने सवाल किया है कि भागीरथ प्रसाद और राव उदयप्रताप पर आपने शुचिता बात क्यों नहीं की।